
इंदौर की रहने वाली एक हिंदू युवती और जबलपुर के एक मुस्लिम युवक की शादी 12 नवंबर, 2024 को तय हुई थी।
हालांकि, इस शादी को लेकर युवती के परिवार वालों ने विरोध किया, जो कि इस विवाह के खिलाफ थे।उनका कहना था कि यह शादी धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से उचित नहीं है और इसके कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
युवती के परिवार के विरोध को ध्यान में रखते हुए, मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लाया गया। अदालत के डबल बेंच ने इस शादी पर फिलहाल रोक लगा दी और कहा कि इस पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।
हाईकोर्ट का यह कदम उस समय आया जब युवती और युवक दोनों के बीच प्रेम संबंध और विवाह के फैसले के बावजूद युवती के परिजनों द्वारा कड़ा विरोध किया गया। अदालत ने दोनों पक्षों को समन भेजा और मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए सुनवाई की तारीख तय की।
मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने की। पीठ ने इसी तरह के एक अन्य मामले में जस्टिस जीएस अहलूवालिया के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम लड़के या लड़की की दूसरे धर्म में शादी नहीं हो सकती क्योंकि यह स्पेशल मैरिज एक्ट के सेक्शन 4 के तहत अवैध मानी जाएगी।