‘ भोले बाबा ‘ के मैनपुरी आश्रम का सच : किसी को तहखाना तो किसी को दिखी सुरंग , आखिर क्या है 12 फीट ऊंची दीवारों के पीछे ?
हाथरस के सिकंदराराऊ में हुए भीषण हादसे के बाद साकार विश्व हरि भोले बाबा का नाम हर तरफ चर्चा में हैं । इसके साथ ही बिछवां में बना रामकुटीर आश्रम भी सुर्खियों में बना हुआ है । सुरक्षा को भारी पुलिस बल की तैनाती , बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा । जितने मुंह , उतनी बातें । कोई कह रहा है कि भोले बाबा आश्रम में ही रुके हैं तो कोई उनके न होने के दावों में जुटा है । बाबा की मौजूदगी के इस रहस्य के बीच उनके आश्रम को भी रहस्यलोक का नाम दिया जा रहा है । कभी किसी को आश्रम से दूर बने खंडहर में तहखाना दिखता है तो कभी सुरंगों की मनमानी कहानी प्रसारित की जाती है । लोगों में जिज्ञासा इसलिए भी है कि नौ बीघा में फैला यह आश्रम ऊंची दीवारों से घिरा है । बाहरी लोगों के प्रवेश पर सख्ती भी लोगों की उत्कंठा जगाती है । आश्रम के अंदर दो भवन बने हैं । इनमें से एक है भोले बाबा का प्रवास स्थल , जो सभी सुविधाओं से परिपूर्ण बताया जाता है ।