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चिचोली तहसील के जामली गाँव में खुले कुएँ से बच्चों की सुरक्षा पर खतरा*

महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग, तीन-तीन विभाग होने के बावजूद, इस मुद्दे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया

*चिचोली तहसील के जामली गाँव में खुले कुएँ से बच्चों की सुरक्षा पर खतरा*

 

बैतूल :- चिचोली तहसील कार्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत आलमपुर के पोषक ग्राम जामली में आंगनवाड़ी केंद्र के सामने कई वर्षों से एक पुराना खुला हुआ कुआँ है। इस कुएं के आसपास प्राथमिक और माध्यमिक शाला भी है, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

 

**समस्या का विवरण:**

 

गाँव में स्थित आंगनवाड़ी केंद्र और पास की शालाओं के बच्चे खुले कुएं के कारण हमेशा दुर्घटना के खतरे में हैं। हाल ही में सीएम हेल्पलाइन पर इस समस्या के संबंध में शिकायत दर्ज की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।

 

**पिछली घटनाएँ:**

 

यह पहली बार नहीं है कि इस प्रकार की समस्या सामने आई है। विकास खंड आठनेर के ग्राम पंचायत सातनेर में भी एक खुले कुएं में एक छात्र की डूबने से मौत हो चुकी है। इसके बावजूद अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

 

**प्रशासन की उदासीनता:**

 

शासन-प्रशासन द्वारा लगभग एक साल से निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी खुले कुएं बंद किए जाएं ताकि कोई दुर्घटना न हो। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ग्राम पंचायत आलमपुर के सरपंच सचिव को भी इस संबंध में सूचित किया गया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

 

**विभागों की जिम्मेदारी:**

 

महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग, तीन-तीन विभाग होने के बावजूद, इस मुद्दे पर किसी ने ध्यान नहीं दियाचिचोली तहसील के जामली गांव में खुले कुए से बच्चो की सुरक्षा पर  खतरा है। लगता है कि किसी दुर्घटना के बाद ही संबंधित अधिकारियों की आंखें खुलेंगी।

 

**इनका कहना है:**

 

महिला बाल विकास सीडीपीओ चिचोली, चयेंद्र कुमार बुडेकर ने कहा, “हमने जनपद सीईओ से पत्राचार किया हुआ है। ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव एक जिम्मेदार नागरिक हैं और उन्हें इस गंभीर मामले पर ध्यान देना चाहिए।”

 

**निष्कर्ष:**

 

बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि जल्द से जल्द इस खुले कुएं को बंद किया जाए और सभी संबंधित विभागों को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस मामले को प्राथमिकता देनी चाहिए और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

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