कटनी, रीठी।। GANESH UPADHYAY VANDE BHARAT LIVE TV NEWS KATNI MP
नवीन शिक्षण सत्र की शुरुआत होने वाली है और एक बार फिर समूचे रीठी विकास खंड में कुकरमुत्ते की तरह निजी स्कूलों की बाढ़ आने वाली है। बीईओ और बीआरसी की मिलीभगत से गली-गली में गैरकानूनी शिक्षा की दुकानें सजने का कारोबार शुरू हो रहा है। बताया गया कि कटनी जिले के रीठी विकास खंड में संचालित करीब दो दर्जन निजी शालाओं को नियम विरुद्ध तरीके से मान्यता प्रदान कर दी जाती है। जिसके चलते निजी स्कूल के संचालक मनमर्जी से अपनी संस्था का संचालन कर रहे हैं। खास बात तो यह है कि इस ओर न तो विकास खंड का कोई अधिकारी ध्यान दे रहा है और न ही जिले के मुखिया। जबकि मान्यता देने के पूर्व इन निजी संस्थाओं की जांच होनी चाहिए।
बताया जाता है कि रीठी विकास खंड में करीब दो दर्जन प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिसमें अधिकांश स्कूलों के पास खुद के भवन तक नहीं हैं। ये स्कूल किराए के भवन में या किराए की शटरों में चल रहे हैं। इन किराए के भवनों में छात्रों को बैठने की पर्याप्त व्यवस्था तक नहीं हैं। छोटे-छोटे कमरों में कक्षा संचालित की जाती हैं। कक्षा में पर्याप्त प्रकाश तक की व्यवस्था नहीं रहती है। इसी तरह अधिकांश स्कूलों में बच्चों को खेलने के लिए खेल मैदान तक नहीं हैं। क्षेत्र में कुछ मान्यता प्राप्त स्कूल तो ऐसे भी हैं जो निजी मकानों में दो-दो कमरों में संचालित हो रहे हैं। देखा गया कि संचालित कई स्कूलों में छात्र-छात्राओं के अलग-अलग टाॅयलेट की भी व्यवस्थाएं नहीं है। तो वहीं कई स्कूलों के पास अग्निशमन यंत्र भी नहीं है। यदि शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का प्राइवेट संस्था पालन नहीं करती तो उसकी मान्यता समाप्त करने के स्पष्ट निर्देश हैं, लेकिन स्थानीय शिक्षा विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, बल्कि यह कहना ग़लत नहीं होगा कि विभाग के अधिकारी स्वयं चंद सिक्कों की खनक के आगे गली-गली में नियम विरुद्ध तरीके से शिक्षा की दुकान खुलवाने का काम कर रहे हैं।
*शिक्षा का हो रहा व्यापार*
सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में रीठी विकास खंड में गली-गली स्कूल नाम की दुकान खोलकर शिक्षा व्यापार हो रहा है। जिसमें भोले-भाले अभिभावक लुटने मजबूर हैं। इन विद्यालयों में योग्य शिक्षित शिक्षकों का भी अभाव है और व्यवस्थाओं के नाम पर टाटपट्टी ही स्कूलों में मौजूद हैं। अब देखना यह होगा कि इस गंभीर मामले पर जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।
यह है निर्धारित मापदंड
स्कूल में पर्याप्त अध्ययन के लिए कक्ष होना जरूरी है। साथ ही छात्र संख्या के हिसाब से कक्ष होना चाहिए, सभी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों का होना अनिवार्य है। सभी स्कूलों में छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं है तो उस स्कूल को मान्यता नहीं मिलेगी। बच्चों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, खेल मैदान की व्यवस्था, खेल सामग्री, पर्याप्त शैक्षणिक सामग्री, लाइब्रेरी, उच्च कक्षा के लिए प्रयोगशाला अनिवार्य रूप से होना आवश्यक है। लेकिन रीठी विकास खंड में इन सब नियमो को दरकिनार कर मान्यता बांटी जा रही हैं।