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जर्जर छात्रावास होने से छात्र भयभीत, पढ़ाई में हो रही है दिक्कत

धुरकी: धुरकी उच्च विद्यालय परिसर में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए बनाया गया छात्रावास जर्जर स्थिति में है, धुरकी उच्च विद्यालय के छात्रों को रहकर पढ़ाई करने का उद्देश्य इस 50 बेड के छात्रावास का निर्माण कल्याण विभाग की ओर से 15 साल पुर्व कराया गया था,

संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट

धुरकी: से

धुरकी उच्च विद्यालय परिसर में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए बनाया गया छात्रावास जर्जर स्थिति में है, धुरकी उच्च विद्यालय के छात्रों को रहकर पढ़ाई करने का उद्देश्य इस 50 बेड के छात्रावास का निर्माण कल्याण विभाग की ओर से 15 साल पुर्व कराया गया था, कुछ दिनों तक इस छात्रावास में रहकर छात्रों ने पढ़ाई भी की, लेकिन करीब पांच सालो से छात्रवास में अन्य व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने से छात्र यहां नही रहते है, वे घर से ही उच्च विद्यालय अब आना जाना करते है,इस वजह से वैसे बिधार्थी जो रोज घर से आने जाने में सक्षम नहीं है उनकी पढ़ाई नही हो रही है इस उच्च विद्यालय में करीब 8 गांव के छात्र पढ़ते है

इस संबंध में उच्च विद्यालय के प्राचार्य दिनेश पाठक ने बताया की पांच साल पुर्व बच्चे इस छात्रावास में रहते थे लेकिन छात्रवास की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बच्चे अब छात्रवास में नही रह रहे है, रख रखाव के अभाव में भवन की छत की ढलाई भी टूट कर गिरने लगी है, छात्रावास में पानी व बिजली की असुविधा होने के कारण भी विद्यार्थी रहना नही चाहते है वही वर्तमान में छात्रावास के आस पास काफी झाड़ी होने से विषैल जीव जंतु भी छात्रवास में घूमने लगे है, उल्लेखनीय है की वर्तमान में उच्च विद्यालय में अनुसूचित जाति के 70 छात्र पढ़ाई करते है बिद्दित हो की छात्रावास ठीक रहता तो ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे को दस किलोमीटर दूर से आने जाने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ती और छात्रवास का मरम्मत नही हुआ तो खंडहर में तब्दील होकर टूट टूट कर गिर जायेगा

इस संबंध में प्राचार्य ने यह भी बताया की दो साल पुर्व इसकी मरम्मत के लिए उन्होंने जिला स्तरीय पदाधिकारियों से पत्रचार किया था,मरम्मत के लिए आवंटन भी प्रखंड को प्राप्त हुआ था लेकिन किसी कारणवश मरम्मत नहीं हो सका और पैसा वापस चल गया

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