
जिला बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन
डिंडौरी : 19 जून, 2025
कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला बाल संरक्षण समिति की मासिक समीक्षा बैठक की गई उक्त बैठक में नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सारस, डीएसपी श्रीमती मोहंती मरकाम, श्रम निरीक्षक श्री नीरज, बाल संरक्षण समिति अध्यक्ष श्रीमती माधुरी बिलैया, पर्यवेक्षक अधिकारी बाल संरक्षण श्री प्रकाश यादव, श्री नरेन्द्र राजपूत, श्री नागेन्द्र चौरसिया, श्रीमती शिखा राय, श्री रामेन्द्र तिवारी, श्री महेन्द्र दाहिया, श्री रीतेश जैन, जनसाहस एनजीओ श्री राधाकृष्ण दास, केस वर्कर श्री लक्ष्मी धुर्वे सहित बाल कल्याण समिति का स्टॉफ उपस्थित रहे।
बैठक में जिले में संचालित विभिन्न बाल संरक्षण कार्यक्रमों एवं योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर श्रीमती मारव्या ने विशेष रूप से चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण अंचलों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों तक इस सुविधा की जानकारी पहुंचाई जाए, जिससे संकट में फंसे बच्चों को शीघ्र सहायता मिल सके।
बैठक में बाल विवाह रोकथाम, बाल श्रम उन्मूलन, बाल अपराधों की रोकथाम, पोषण आहार वितरण, किशोर न्याय अधिनियम के क्रियान्वयन सहित विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। सभी संबंधित विभागों द्वारा विभागीय प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए तथा भविष्य की कार्ययोजना पर विचार किया गया। कलेक्टर ने कहा कि स्पांसरशिप योजना से जिले के विभिन्न समुदाय में रहने वाले ऐसे बालक-बालिकाएं जिनके माता पिता की मृत्यु किन्हीं कारणों से हो गई है। अर्थात ऐसे बच्चे जो पूर्ण रूप से निराश्रित हों परिवरिश करने वाला कोई न हो ऐसे बच्चों को शासन की ओर से इस योजना के माध्यम से प्रतिमाह 4 हजार रूपए प्रत्येक बच्चे को प्रदान की जाती है। बैठक के दौरान उपस्थित सदस्यों, जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि जिले में ग्रामीण या क्षेत्र में रहने वाले पात्र बच्चों को इस योजना से जोडकर लाभान्वित करने का प्रयास करें।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे। कलेक्टर श्रीमती मारव्या ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं संरक्षण के लिए आपसी समन्वय से प्रभावी कार्य किया जाए एवं समय-समय पर योजनाओं की समीक्षा सुनिश्चित की जाए।