
*अग्निहोत्र हवन से होता है सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण-योगाचार्य डीगम्बर पांडुले*
*प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में किये पेट रोग सम्बन्धी उपचार*
खण्डवा।अग्नि होत्र हवन से सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। अग्नि होत्र पौधो में जीवन शक्ति का पोषण करता है तथा हानिकारक विकार और रोग जनक जीवाणुओं को उदासीन बना देता है।अग्नि होत्र एक सरल लेकिन प्रभावी अनुष्ठान है।इसे सूर्योदय व सूर्यास्त के दौरान ही किया जा सकता है। जापान व अन्य देशों ने रिसर्च कर इसके लाभों को देखते हुए अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है।उपरोक्त उदगार योगाचार्य डीगम्बर पांडुले ने लायन्स क्लब खण्डवा व विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ,रितेश गोयल,लोकेश स्वामी,अजय लाड़ व नारायण बाहेती के मार्गदर्शन में नवकार नगर में आयोजित प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के द्वितीय दिवस व्यक्त करते हुए कहे।नारायण बाहेती व सुनील जैन ने बताया कि योगाचार्य ने कहाकि भारत वर्ष में अग्निहोत्र हवन की खोज हजारों साल पुरानी है।हमारे घरों में नियमित होना चाहिए।तांबे के पात्र में सूखे गाय के गोबर के कंडे से अग्नि प्रज्वलित कर इसमें गाय के घी व बिना पालिश के चावल व हवन सामग्री से हवन करना चाहिए। राजनारायण परवाल,यूसुफ राजा,योगेंद अग्रवाल, पिंटू बालाजी नारायण बाहेती, लोकेश स्वामी व अजय लाड़ ,सुनील जैन,गायत्री स्वामी,ने अग्नि होत्र किया। अग्नि होत्र के पश्चात विभिन्न योग व प्राकृतिक चिकित्सा की गई। नस्य चिकित्सा व पेट रोग सम्बन्धी चिकित्सा में पेट पर शुद्ध काली मिट्टी का लेप किया गया। शिविर में लायन्स क्लब खण्डवा, लियो क्लब खण्डवा, रोटरी क्लब,बालाजी ग्रुप व समाजसेवी संस्थाओं व समाज की महिलाओं व पुरुषों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। शिविर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे, राजीव मालवीय, लियो सुमित परिहार,लियो केतन वर्मा,विक्की अग्रवाल गरिमा गोयल, शालिनी अग्रवाल ने शिविर की सराहना करते हुए इसे बहु उपयोगी शिविर बताया।