
कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट
कटनी, मध्यप्रदेश।
कटनी रोहित चंचलानी हत्याकांड में SIT गठित होने के बावजूद अभी तक जांच शुरू नहीं हो सकी है। इस देरी से जहां परिजन और आमजन में नाराज़गी है, वहीं मुख्य संदिग्धों में से एक प्रकाश आहूजा की बेचैनी भी बढ़ती नज़र आ रही है।
सूत्रों की मानें तो SIT के गठन के बाद भी टीम को अब तक जांच अधिकार औपचारिक रूप से नहीं सौंपे गए हैं, और न ही कोई सक्रिय कार्रवाई शुरू हुई है। इस बीच माधवनगर पुलिस द्वारा आयोजित जनसंवाद में फिर से रोहित चंचलानी हत्याकांड का मुद्दा गरमा गया।
सिंधी समाज ने उठाई आवाज — निष्पक्ष जांच की मांग तेज़
माधवनगर क्षेत्र के सिंधी समाज के लोगों ने जनसंवाद के दौरान पुलिस के सामने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग दोहराई। समाज का कहना है कि अब जब SIT बनाई जा चुकी है, तो उसे जांच शुरू करने से कौन रोक रहा है?
CCTV डिलीट कर फिर रिकवर करने में जुटी पुलिस
सूत्रों के अनुसार, घटना वाले दिन की CCTV फुटेज को डिलीट किया गया था, जिसे अब पुलिस तकनीकी माध्यमों से रिकवर करने में जुटी हुई है। यह एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है, जो पूरे केस की दिशा बदल सकती है।
प्रकाश आहूजा क्यों कर रहे पैनिक?
हत्याकांड में नाम आने के बाद से प्रकाश आहूजा लगातार मामले को भटकाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। कभी सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी तो कभी अलग-अलग मुद्दों की ओर ध्यान मोड़ने की कोशिशें, इन सबने उनकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि SIT की कार्रवाई में हो रही देरी का सीधा लाभ क्या संदिग्धों को मिल रहा है? क्या राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव जांच को रोक रहा है?
जनता की मांग है कि SIT को तत्काल प्रभाव से जांच सौंपी जाए और संदिग्धों पर शिकंजा कसा जाए, ताकि रोहित चंचलानी को न्याय मिल सके।
यह मामला अब सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की जवाबदेही और जनता के भरोसे का भी इम्तिहान बन चुका है