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दीन दयाल राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन” योजना के तहत स्व-सहायता के माध्यम से स्मिता का शुरू हुआ व्यवसाय

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“दीन दयाल राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन” योजना के तहत स्व-सहायता के माध्यम से स्मिता का शुरू हुआ व्यवसाय
खण्डवा 18 फरवरी, 2025 –
 “स्मिता बरोले” खण्डवा शहर में रहने वाली एक मेहनती महिला है। उसने स्व-सहायता के माध्यम से कार्य शुरू किया । सबसे पहले नगर निगम से जुड़ कर शहरी आजीविका के माध्यम से समूह के बारे में जाना और अक्टूबर 2020 में समूह का गठन किया और छोटा सा नमकीन का व्यवसाय शुरु किया। व्यवसाय में मोटे अनाज से निर्मित व्यंजन जैसे रागी, कुटकी के इडली सांभर, डोसा, कुटकी की खीर एवं मूंग, चिल्ला, रागी, बिस्किट आदि का विक्रय किया, जिसमें सफलता मिलने के बाद 2021 में श्री अन्न मोटे अनाज पर कार्य करने का सोचा और 2022 तक निरंतर प्रयास किया। उन्होंने नगर निगम के सहयोग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से श्री अन्न के व्यंजन एवं आटा बनाने का कार्य शुरु किया।
इस राशि का उपयोग कर स्मिता बरोले ने अपने नवीन ठेले में मोटे अनाज से बने पौष्टिक व्यंजनों को शामिल किया। उन्होंने नए प्रोडक्ट की किस्में जैसे मोटे अनाज से निर्मित व्यंजन जैसे रागी, कुटकी के इडली सांभर, डोसा, कुटकी की खीर एवं मूंग चिल्ला, रागी बिस्किट आदि का विक्रय भी शुरू किया और अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए कुछ नए उपाए भी अपनाये। स्मिता बरोले ने डिजिटल पेमेंट विकल्प भी शुरू किया, जिससे उनकी बिक्री बढ़ी और उन्हें समय पर भुगतान मिलने लगा। धीरे-धीरे यह व्यवसाय आगे बढ़ रहा है। आम जनता रागी कुटकी, कोटू, कंगनी जैसे व्यंजनों का लाभ ले रही है और श्री अन्न से जुड़ कर उससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जान रही है। इस कार्य में रेवा श्री स्व-सहायता समूह की महिलायें संगीता मोर्य, सोनम मोर्य, और आरती पटेल सहयोग दे रही हैं और व्यंजन बनाकर अपनी सेवाएं दे रही हैं। इस कार्य में एवं समूह को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगर निगम, खण्डवा के अधिकारी एवं कर्मचारियों का पूरा सहयोग रहा, जिससे और भी स्व-सहायता समूह कार्य करने के लिए आगे आ रहे हैं। साथ ही कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता, कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग का भी सहयोग रहा। साथ ही उन्होंने 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित करने के लिए सरकार का धन्यवाद किया क्योंकि उससे उनके श्री अन्न के कार्य को बढ़ावा मिला और देश के लोगों में श्री अन्न के प्रति जागरुकता आई।

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