कटनीमध्यप्रदेश

*उम्रा यात्री हुए रवाना, जन समुदाय ने दी विदाई*

*उम्रा यात्री हुए रवाना, जन समुदाय ने दी विदाई*

कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट 

 

 

 

*जीवन का महत्वपूर्ण सफर उम्रा यात्रा, नसीब बालो को मिलते है अल्लाह और पैगम्बर के दरवार के दिदार*

 

कटनी- विजयराघवगढ़ से उम्रा यात्रा का काफिला हुआ रवाना। उम्रा यात्रा का अर्थ मुस्लिम धर्म के अनुसार मनुष्य को अपने जीवन मे एक बार मक्का और मदीना सरीफ पाक के दर्शन करना की जीवन का सबसे बडा लक्ष्य माना गया है। इसी तारतम्य मे कल दिनांक 8 फरवरी को वार्ड नंबर 14 निवासी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष तथा अधिवक्ता संघ विजयराघवगढ़ के उपाध्यक्ष नूर मोहम्मद सिद्धकी अपने बडे भाई मोहम्मद यूसुफ तथा छोटे भाई मोहम्मद यूनिस खान हाजी नईम अपनी धर्म पत्नियो के साथ कल देर साम रवाना हुए विदाई मे नगर से हुजूम निकला विदाई करने सर्व प्रथम बंजारी वाले स्याह पोश बाबा के दरबार मे हाजरी लगा कर यात्रा का शुभारंभ किया गया । सुखद इस घडी मे बैंड बाजो के साथ फूल माला पहनाकर भावविभोर विदाई देते हुए मंगल यात्रा की शुभकामनाएं दी। नगर से लेकर कटनी जिले तक जगह जगह दोस्तो मित्रों रिश्तेदारों ने विदाई दी। नूर मोहम्मद सिद्धकी ने भावविभोर होकर सभी से आग्रह करते हुए कहा की जीवन मे हम सभी हिन्दू मुस्लिम भाई एक साथ चले इस सफर मे कभी भी अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे अपना भाई मित्र या छोटा बडा कुछ भी समझ कर मुझे माफ करे ताकि मक्का मदिना मे मेरी हाजरी लगे। अल्लाह के दरवार व पैगम्बर साहब के दरवार मे जब मै पहुचू तो मुझे पैगम्बर साहब का दिदार मिले। बताया जाता है की अल्लाह पाक व पैगम्बर साबह के दरवार मे हाजिर लगाना कोई आसान नही यह यात्रा बडे ही किस्मत बालो को नसीब होती है। जब बाबा खुद किसी को बुलाते है तभी उसका जाना तैय हो पाता है नूर मोहम्मद सिद्धकी की यात्रा विजयराघवगढ़ से बडे ही हर्षोल्लास के साथ रवाना हुए कटनी जिला अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों ने भी विदाई दी बीस दिन की इस यात्रा मे सभी की दुआएं और शुभकामनाओं भरा आशिर्वाद लेकर रवाना हुए यात्री। नूर मोहम्मद सिद्धकी को एकता और भाईचारे की मिसाल मानी जाती है हमेशा हिन्दू मुस्लिम सभी धर्मों मे अपनी दस्तक देते हुए भाईचारे का पैगाम दिया है। अल्लाह व पैगम्बर साहब के बताए रास्तो पर चल इंशानीयत की हिफाजत की इंसानों के दिलो मे राज करने वाले नूर मोहम्मद सिद्धकी जब उम्रा के लिए रवाना हुए तो लोगों मे खुशी के आसू छलक गये उन्होंने सुखद यात्रा की दुआएं दी तथा जल्द यात्रा पूर्ण कर घर वापसी करे एसी मंशा व्यक्त की। मुस्लिम धर्म के अनुसार इस यात्रा को सबसे बडी यात्रा मानी जाती है बहुत ही कम लोग इस यात्रा मे जाने का मोका प्राप्त हो पाता है।

*शेरा मिश्रा पत्रकार विजयराघवगढ़ 9893793302*

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