■ जलगांव- जिले में तत्कालीन जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल होने के बवाजूद जिले में 40 गांव ऐसे भी हैं जहां ग्रामीणों को अशुद्ध जल पीने को विवश होना पड़ रहा है. इससे उनके स्वास्थ्य को खतरा बढ़ रहा है. जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने प्रत्येक गांव में जल स्रोतों का सर्वेक्षण किया जाता है. पिछले महीने के सर्वेक्षण में जलगांव जिले के 40 गांवों में दूषित पानी की आपूर्ति होने का पता चला है. इन जल स्रोतों की मरम्मत और तत्काल उपाय करने के निर्देश जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए हैं. जिन 40 गांवों में दूषित पानी की आपूर्ति होने का पता चला है, उन गांवों को जिला परिषद आरोग्य विभाग द्वारा येलो कार्ड दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को शुद्ध पेयजल मिले, अशुद्ध पानी से अतिसार की समस्या न हो, इसके लिए जिला परिषद के आरोग्य विभाग द्वारा हर महीने प्राथमिक आरोग्य और उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले गांवों के जलस्रोतों का सर्वेक्षण किया जाता है.शुद्ध पानी जिले में जल आपूर्ति स्रोतों के लिए हर साल 1 हजार 119 गांवों का निरीक्षण किया जाता है, जिन गांवों में लगातार 5 वर्षों तक दूषित जल आपूर्ति के कारण बीमारी नहीं फैली है, उन्हें हर 5 साल बाद सिल्वर कार्ड दिया जाता है. इस वर्ष जिले के 1 हजार 129 गांवों को सिल्वर कार्ड दिया गया है. हालांकि, जिन गांवों में दूषित जलापूर्ति हो रही है.
इन गांवों में आ रहा गंदा पानी
जलगांवः तहसील के आसोदा, धामणगांव, विदगांव, आव्हाणे, घार्डी, वडनगरी, डिकसाई, नंदगांव. अमलनेरः सोनखेड़ी, भड़गांवः कनाशी, अंचलगांव, महिदले, शिवणी, भुसावलः दर्यापुर. चालीसगांव – वडगांवलांबे, दसेगांव, तामसवाड़ी, चोपडाः गणपुर धरणगांवः बांभोरी प्र., कवठल, सतखेडा, चमगांव, एरंडोलः कासोदा, आनंदनगर, फरकांडे, मुक्ताईनगरः पंचाणे पाचोरा वरखेडी, भोकरी, सावखेडा, रामेश्वर, शहापुर रावेरः गहुखे, रायपुर, रणगांव, तासखेड़ा, वाघोबा, निभोरा, यावलः कासवा, दुसखेडा.