चालीसगांव -धुले-मुंबई एक्सप्रेस में चढ़ते समय भीड़ का फायदा उठाकर एक महिला के गले से पर्स छीनने वाले तीन चोरों को चालीसगांव लोहमार्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसमें एक नाबालिग है। रेलवे पुलिस ने इस गिरोह के कब्जे से चुराए गए पर्स से 2 लाख, 19 हजार रुपये बरामद करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और चोरों के पास मिले कैरी बैग के आधार पर चोरों की तलाश की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार दोनों को आज रेलवे कोर्ट में पेश किया गया।
घटना की जानकारी के मुताबिक चालीसगांव एम.जी. नगर की रहने वाली शीतल कैलास पाखले उनके पति के साथ 8 दिसंबर को सुबह लगभग 8 बजे, नासिक में रिश्तेदारों से मिलने जाने के लिए धुले-मुंबई एक्सप्रेस में चढ़ते समय, यात्रियों की भीड़ में अपने कंधे पर लटके भूरे रंग के पर्स की चेन खुली हुई मिली। पर्स में रखे हरे कपड़े के थैले में रखे 2 लाख 50 हजार रुपये नकद, पति का
आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोटरसाइकिल की चाबी नहीं दिखी। वह नांदगांव रेलवे स्टेशन पर उतरकर चालीसगांव आकर रेलवे पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। चालीसगांव रेलवे पुलिस स्टेशन में धारा 305 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। जब इंस्पेक्टर अतुल टोके के मार्गदर्शन में इस अपराध की जांच चल रही थी, तब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा और गुप्त मुखबिर से मिली जानकारी से संदिग्ध चोर का पता चला। उनके हाथ में चालीसगांव की एक दुकान का कैरी बैग देखा गया। थाने के पुलिस उपनिरीक्षक सुधाकर मोहिते, रेंज उपनिरीक्षक अनंत रेनुके, पुलिस नायक पंकज पाटील, मोसिन अली सय्यद, फरीद तडवी ने रेलवे सुरक्षा बल चालीसगांव के सब-इंस्पेक्टर पी.डी. पाटील, किशोर चौधरी, आरक्षक रेहान अहमद, गोविंद राठोड की मदद से उन्होंने उस दुकानदार के पास पहुंचे।
पता चला कि संदिग्ध स्टेशन रोड स्थित एक लॉज में ठहरे थे। उसके आधार पर लॉज में जाकर संदिग्धों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद टीम सीधे कोपरगांव पहुंची और संदिग्ध अर्जुन उर्फ गोल्ट्या भोसले (25), अक्षय नन्नावरे (23, मारोती मंदिर के पास धारनगांव ता. कोपरगाव) और 11 वर्षीय नाबालिग वॉर्ड नं 2, अहिल्यादेवी नगर, धनगर चौक, श्रीरामपुर ता. श्रीरामपुर इन तीनों को हिरासत में लिया। पूछताछ में उन्होंने चोरी की बात कबूल कर ली। उनके पास से 2 लाख, 19 हजार रुपये नकद बरामद किये गये। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और नाबालिग बच्चे को उसकी दादी से सहमति पत्र देकर सौंप दिया गया है।