रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
मोबाइल एवं इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण दिनों-दिन बढ़ रही साइबर अपराधों की घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा आगामी समय में आने वाली साइबर चुनौतियों से निपटने के लिए भोपाल के सभी थानों में 1 दिसंबर से साइबर हेल्प डेस्क की शुरुआत की है। साइबर अपराध में दिनों दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। पहले पीड़ित को साइबर धोखाधड़ी की शिकायत हेतु साइबर शाखा जाकर आवदेन देना पड़ता था। शहर में एक ही साइबर थाना होने से पीड़ितों को साइबर थाने जाने में समय लगता था और परेशानी होती थी। विगत कुछ वर्षों में साइबर अपराधों में बेतहाशा वृद्धि से साइबर शाखा में शिकायतें लंबित हो रही थी। इन सभी बिंदुओं एवं आमजन की सहूलियत को दृष्टिगत रखते हुए दिनाँक 1 दिसंबर से पीड़ित 5 लाख रुपये तक की धोखाधड़ी की शिकायत सम्बंधित थानों में कर रहे हैं। इसी क्रम में दिनाँक 9 से 12 दिसंबर तक 3 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र चलाया जा रहा है, जिसमें साइबर क्राइम की टेक्निकल टीम द्वारा प्रशिक्षण के दौरान साइबर क्राइम की शिकायत को किस प्रकार से पोर्टल पर अपलोड करना, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स इत्यादि से जानकारी मंगाना एवं बैंक से अकाउंट डिटेल, डाटा रिकवरी, सीडीआर एनालिसिस, ई-साक्ष्यों एवं फिजिकल साक्ष्य को एकत्रित करना, अपराधियों की गिरफ्तारी, रिमांड, इत्यादि के सम्बंध में बारीकी से बताया गया। प्रशिक्षण के अवसर पर पुलिस उपायुक्त क्राइम अखिल पटेल ने बताया कि साइबर क्राइम आने वाले समय में पुलिस और आमजनों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनेगी, साइबर ठग दिनों दिन विभिन्न तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। प्राप्त शिकायत पर तत्काल वैधानिक कार्यवाही कर पीड़ित की मदद तथा तकनीकी नॉलेज के आधार पर इनवेस्टिगेशन और अपराध की तह तक जाये। जरूरत पड़ने पर साइबर तकनीकी टीम या साइबर फोरेंसिक लैब की मदद लें। प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने साइबर क्राइम अनुसंधान में आने वाली तकनीकी दिक्कतें, दीगर प्रदेशों से समन्वय तथा अनुसंधान के दौरान एकत्रित किए जाने वाले डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज़ इत्यादि के सम्बंध में सारगर्भित मार्गदर्शन दिया। पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की तकनीकी नॉलेज बढ़ाने एवं उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए नगरीय पुलिस भोपाल के 37 थानों के निरीक्षक से आरक्षक स्तर के लगभग 400 अधिकारी कर्मचारीयों को पहले 6 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में NCCRP, JMIS एवं CEIR पोर्टल तथा साइबर क्राइम की रोकथाम, टेक्निकल एनालिसिस, पब्लिक अवेयरनेस, इन्वेस्टिगेशन इत्यादि से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। साइबर अपराधों से बचने के इन बातों का ध्यान रखें अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें, जो आपके अकाउंट्स की सुरक्षा को बढ़ाता है। अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर वायरस स्कैनर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर जाएं, जिनके URL में “https” होता है।सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और अज्ञात लोगों से दोस्ती न करें। अपने बैंक अकाउंट्स, क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स, और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स की नियमित रूप से जांच करें। यदि आपको लगता है कि आपके साथ साइबर अपराध हुआ है, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को रिपोर्ट करें। अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करें, क्योंकि वे मैलवेयर या फ़िशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं। ऑनलाइन अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, जैसे कि आपका पता, फोन नंबर, या बैंक खाता विवरण।अज्ञात ईमेल्स का जवाब न दें, क्योंकि वे फ़िशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं। अज्ञात सॉफ्टवेयर न डाउनलोड करें, क्योंकि वे मैलवेयर या वायरस का कारण बन सकते हैं। सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क्स का उपयोग न करें, क्योंकि वे असुरक्षित हो सकते हैं।
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