संवाददाता लोकेन्द्र कुशवाह मों. 6263159530
सबलगढ
सबलगढ क्षेत्र के जावरौल गांव के धौरेट सरकार के मंदिर पर पिछले दो दिनों से चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गई। कथा के तीसरे दिन एक ओर जहां श्रीमद भागवत कथा व्यास पं. मनीष कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने पिता और बेटे के बीच के रिश्ते को बताते और बेटे की ओर से पिता के लिए कुर्बानी देने वाली कहानी देववर्त यानि महाभारत के भिष्म पिताह के जीवन भर विवाह न करने के सकंलप के बारें में जानकारी दी, वहीं उन्होंने ने पिता भीष्म द्वारा कुरूक्षेतर पर बाणों की सैया पर पडे समय की कहानी का ब्यान करते हुए कहा कि कुरूक्षेतर में भी गंगा आई, लेकिन उनका नाम भागीरथी गंगा नहीं बल्कि बाण गंगा नाम पडा। इसके अलावा श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमडा और मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं से पूरी तरह से भरा रहा व सभी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा-भाव से कथा का आनंद लिया। यह श्रीमद भागवत कथा 08 जून से रतनलाल श्रीमती मुन्नी कुशवह के द्वारा आयोजित की रही है।
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