गोरखपुर। गोरखपुर में एक बार फिर सीबीआई की रेड हुई है। NE रेलवे के स्टोर में हुए घोटालों की जांच करने सीबीआई टीम शनिवार को गोरखपुर पहुंची है। टीम ने यहां स्टोर के दो अफसरों और चार कर्मचारियों के घर पर छापेमारी की और फाइलों को खंगाला। इसके बाद CBI इन्हीं कर्मचारियों में एक-एक को उठाकर स्टोर के आफिस ने आई और केबिन खुलवाकर फाइलों की छानबीन की। फिलहाल, देर रात तक सीबीआई टीम रेलवे स्टोर में मौजूद रही और फाइलों को खंगालती रही।
टीम ने एक अन्य कर्मचारी को भी उसके घर से हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। हालांकि, देर रात उसे छोड़ दिया। सीबीआई रेलवे के स्टोर विभाग के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक को पहले भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। रेलवे बोर्ड की स्पेशल चीफ विजिलेंस की टीम की टीम भी स्टोर डिपो में छापेमारी कर चुकी है। टीम ने स्टोर में सामानों की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी और जेई पद पर पदोन्नति के लिए परीक्षा में हेराफेरी की शिकायत पर जांच करने पर कार्रवाई की थी।
दअरसल, रेलवे बोर्ड में शिकायत हुई थी कि NE रेलवे के स्टोर में स्थानीय खरीद में हेराफेरी की गई है। दवा की सप्लाई में भी एक कंपनी को विशेष का लाभ पहुंचाया गया है। इसके साथ एक बड़े क्रेन को निष्प्रयोज्य दिखाकर प्राइवेट क्रेन कार्य में लगाई गई है। इसके साथ ही रेलवे में जेई के लिए हुई परीक्षा में भी लेनदेन की शिकायत की गई है। इस मामले में यहां के अफसर ऋतुराज का तबादला भी हो चुका है। सीबीआई की टीम गोरखपुर आने के पहले कुशीनगर के फाजिलनगर भी गई थी।
जहां अफसर ऋतुराज के घर पर छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज खंगाले। बताया जा रहा है कि पटखौली निवासी एक रेलवे अधिकारी के घर शनिवार को सीबीआई टीम ने छापेमारी की। करीब छह घंटे रेल अधिकारी का घर खंगालने के बाद टीम चुपचाप निकल गई और मीडिया को कुछ बताने से इनकार कर दिया। पटहेरवा थाना क्षेत्र के पटखौली गांव निवासी ऋतुराज सिंह रेलवे में क्लास वन रैंक के अधिकारी हैं। इस समय उनकी तैनाती केरल के तिरुअनंतपुरम में है।
पहले वे गोरखपुर रेलवे में मंडल उप महाप्रबंधक के पद पर कार्य कर चुके हैं। शनिवार को सुबह 7 बजे सीबीआई की टीम के अफसर इनोवा कार से उनके पैतृक निवास पटखौली पहुंचे। गांव वालों को लगा कि चुनाव से संबंधित अधिकारी होंगे। टीम के लोग गांव में मौजूद एक व्यक्ति को अपने पास बुलाकर कर ऋतुराज सिंह के बारे में जानकारी लेने लगे तो उसने बताया कि उन्हें DRM साहब के रूप में हम लोग जानते हैं। गांव कम ही आते हैं। हमेशा बाहर ही रहते हैं। इसके सिवा ग्रामीणों को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इसके बाद जांच टीम के सदस्यों के पूछने पर उनका घर बता दिया। इसके बाद धीरे धीरे गांव को लोगों को पता चला कि यह चुनाव से संबंधित अधिकारी नहीं बल्कि कोई जांच टीम है। इसके बाद पांच अधिकारियों की यह टीम उनके घर में घुस गई। इसके बाद लगभग 6 घंटे तक घर के विभिन्न हिस्सों की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान घर में एक मात्र उनकी बूढ़ी मां थी। बाकी सदस्य घर से बाहर है। लगभग 6 घंटे तक जांच करने के बाद वापस हो गई।