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ऑटोमेटिक टिकट वेडिंग मशीन से टिकट निकालने मदद के लिए तैनात होंगे कर्मी

कोरबा अब सामान्य लोगों को भी रेलवे में काम करने का अवसर दिया जा रहा है। स्टेशनों में यात्रियों को ऑटोमेटिक टिकट वेडिंग मशीन से टिकट निकालने में मदद के लिए स्टेशन में मददगार तैनात किए जाएंगे है। इसके लिए रेलवे द्वारा टेंडर प्रक्रिया से नियुक्ति की जाएगी। टेंडर प्रक्रिया में रिटायर्ड कर्मचारी या उनके परिजन व आम नागरिक शामिल हो सकते हैं। रेलवे ने एटीवीएम मशीन चलाने के लिए आम नागरिक को मौका मिलेगा। इससे बेरोजगारों को काम करने का एक अच्छा मौका मिल सकता है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल अंतर्गत वर्तमान में 17 रेलवे स्टेशनों पर टिकट काउंटर में लोगों की भीड़ कम करने के लिए और लोगों को डिजीटल सुविधा के लिए एटीवीएम (ऑटोमेटिक टिकट वेडिंग मशीन) उपलब्ध करवाई जा रही है। जिले के अकलतरा, जांजगीर-नैला और चांपा जंक्शन में करीब साल भर पहले एटीवीएम मशीनें लगाई गई है। इन मशीनों को शुरुआत में चलाने के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन इस्तेमाल के लिए लगाए कर्मचारियों को कुछ समय के बाद हटा दिया गया। लोग खुद से मशीन का उपयोग करने में रूचि नहीं ले रहे थे। इसके कारण इसकी उपयोग कारगर साबित नहीं हो पा रही थी। स्टेशन के टिकट काउंटर पर लोगों की भीड़ जुट रही थी। टिकट काउंटर पर भीड़ कम करने और एटीवीएम को बढ़ावा दे रहे हैं। बिलासपुर में 12, रायगढ़ में 6, अनूपपुर में 3, अकलतरा में 2, जांजगीर-नैला में 2, पेंड्रारोड में 3, खरसिया में 3, उमरिया में 3, कोतमा में 3, चांपा में 2, सहित कोरबा, सक्ती, बाराद्वार एटीवीएम मशीन की सुविधा हैं।

कोई भी बन सकता है फेसिलिटेटर

रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी, उनके परिजन यहां तक की कोई भी आम नागरिक मददगार बनने के लिए टेंडर भर सकते हैं। लोग टेंडर फॉर्म वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय बिलासपुर के सामने रखे निविदा पेटी में 14 जून को सुबह 11 से दोपहर 3.30 बजे तक जमा कर सकेंगे। पेटी में जमा फार्म को शाम 4 बजे खोला जाएगा।

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