
ओंकारेश्वर क्षेत्र में नर्मदा नदी में डीजल इंजन नावों का उपयोग एवं संचालन पूर्णतः प्रतिबंधित
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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
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खण्डवा//ओंकारेश्वर तीर्थ पर नर्मदा नदी में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिये डीजल इंजनो का उपयोग कर नाव का संचालन किया जा रहा है, जिससे नर्मदा नदी में गंभीर प्रदूषण फैल रहा है एवं जलीय जीवों के जीवन पर भी खतरे की संभावना है। डीजल इंजन नावों से ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण हो रहा है। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में ओंकारेश्वर में डीजल इंजन नावों के उपयोग पर जनहित में प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया एवं समस्त उपस्थित सम्मानित जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी इस निर्णय में सहमति प्रदान की गई थी।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री ऋषव गुप्ता ने खंडवा की नगर पंचायत ओंकारेश्वर क्षेत्र की संपूर्ण सीमा में आम जनता के लिए 13 जून 2025 से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं।
जारी आदेश अनुसार नर्मदा नदी में डीजल इंजन का उपयोग एवं संचालन को पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी में इलेक्ट्रिक इंजन एवं चप्पु चलित नावों का संचालन किया जा सकेगा।साथ ही नर्मदा नदी में निम्न स्पेसिफिकेशन या उससे बेहतर पेट्रोल इंजन (इस संदर्भ में बेहतर का तात्पर्य कम आवाज एवं कम धुएँ से है) का उपयोग भी किया जा सकेगा।निम्नानुसार उदाहरण स्वरूप दिए गए 03 इंजन की स्पेसिफिकेशन को न्यूनतम मानते हुए इंजन का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा।
परफेक्ट जी 420 जी – लॉन्ग टेल ओबीएम 14 एचपी हाई टॉर्क बोट इंजन (साइलेंसर के साथ), सुजुकी 30 एचपी डीएफ 30 एटीएल इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल इंजेक्शन बोट इंजन और होंडा जीएक्स 390 हाई टॉर्क टी2 एलबीडी 1800 आरपीएम 15 एचपी पेट्रोल इंजन (साइलेंसर के साथ) का उपयोग कर सकते हैं।
यदि कोई भी व्यक्ति उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करता है तो वह भारतीय न्याय संहिता की धारा-223 के अंतर्गत दण्ड का भागीदार होगा।