
*🌴 क्या है पंचकोशी यात्रा,,,,, एक बार समझिए
*🚩 महाकाल की नगरी उज्जैन में 23 अप्रेल से पंचकोशी यात्रा प्रारंभ कुल दूरी।।। 118 किलोमीटर*
*🚩समय अवधी 5 दिन*
*👣यात्रा का माध्यम— पैदल (अधिकतर श्रद्धालु नंगे पाँव चलते हैं*
👣 जेएनआई अनुसार पंचक्रोशी यात्रा मार्ग और प्रमुख पड़ाव
नागचंद्रेश्वर मंदिर से पिंगलेश्वर – 12 किलोमीटर
*👣पिंगलेश्वर से कायावरोहणेश्वर 23 किलोमीटर*
*👣कायावरोहणेश्वर से नलवा (अवकाश स्थल) – 21 किलोमीटर*
*👣नलवा से बिल्लकेश्वर (अंबोदिया) – 6 किलोमीटर*
*👣अंबोदिया से कालियादेह (अवकाश स्थल) – 21 किलोमीटर*
*👣कालियादेह से दूधरेश्वर (जेथल) – 12 किलोमीटर*
*👣दूधरेश्वर से उंडासा (अवकाश स्थल) – 16 किलोमीटर*
*👣उंडासा से शिप्रा घाट (रेती मैदान) – 12 किलोमीटर*
*👣अंत में श्रद्धालु पवित्र शिप्रा नदी में स्नान कर नागचंद्रेश्वर मंदिर लौटते हैं और बल समर्पण कर यात्रा का समापन करते हैं।*
👣प्रशासनिक व्यवस्थाएँ
मध्य प्रदेश सरकार व उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा यात्रा के सफल आयोजन हेतु विशेष प्रबंध किए जाते हैं।।,, सामाजिक धार्मिक संस्थाएं भी श्रद्धालुओं के सेवार्थ शिविर पंडाल लगाकर भोजन स्वल्पाहार चाय पानी शीतल पेय जल की व्यवस्था करते हैं।।।।जैसे महेश परियानी मित्र मंडल & सिंधी समाज और उज्जयिनी सेवा समिति आदि।।
*⛩️ जिसमें उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह,,,, एसपी प्रदीप शर्मा ,,,नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ,,,आईएएस जयति सिंह और सभी जरूरी विभागों के अधिकारी कर्मचारी व्यवस्था जुटा रहे हैं।*
*👣प्रत्येक पड़ाव पर मार्गदर्शन केंद्र, नियंत्रण कक्ष, एवं पुलिस कैंप*
*👣विश्राम हेतु टेंट, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, स्नानागार, स्ट्रीट लाइट्स, और चिकित्सा शिविर (प्रत्येक पड़ाव पर 20 बेड का चिकित्सा केंद्र)*
*👣एंबुलेंस सेवा, प्राथमिक उपचार, और निशुल्क पेट्रोलियम जैली वितरण*
*👣उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से अनाज, आवश्यक वस्तुएँ, चाय, चीनी आदि की उपलब्धता*
*👣सांची दुग्ध बूथों के माध्यम से दूध, घी, और दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति*
*👣सड़क मरम्मत, छाँव जन सुविधाएँ, हेड काउंटिंग, बीमा सुविधा, और निर्बाध बिजली आपूर्ति*
*👣क्यों करें पंचक्रोशी यात्रा?आत्मिक शुद्धि और आंतरिक शांति की प्राप्ति,,,पुण्य फल की प्राप्ति के लिए आवश्यक*
*👣भगवान महाकाल और अन्य देवी देवताओं का आशीर्वाद ,,,शारीरिक सहनशक्ति, मानसिक अनुशासन, और भावनात्मक उन्नति का अनुभव होता है।।*
*👣उज्जैन की जीवंत सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का साक्षात्कार होता है।।*
*👣पंचक्रोशी यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं है, जेएनआई अनुसार यह स्वयं ईश्वर तक पहुँचने की एक पथिक साधना है। जब आप पवित्र मार्गों पर कदम रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और हजारों श्रद्धालुओं की भक्ति से ओतप्रोत वातावरण में डूबते हैं, तो आप भीतर से एक नए रूप में जागृत हो जाते हैं। यदि आप शांति, उद्देश्य या प्रायश्चित की खोज में हैं, तो उज्जैन की पंचक्रोशी यात्रा 2025 आपके स्वागत के लिए तैयार है।@त्रिलोक न्यूज उज्जैन यदि पंचकोशी यात्रा से जुड़ी कोई स्मृतियां फोटो वीडियो है तो इस नंबर पर जरूर भेजें 8305204507