
त्रिलोक न्यूज़ मध्य प्रदेश सहायक प्रमुख प्रवीण कुमार दुबे 8839125553
एम्स भोपाल प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां सर्जन मशीन के जरिए सर्जरी करेंगे। एडवांस रोबोटिक सिस्टम मॉडर्न तकनीक को एम्स में स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत देगा। दोनों संस्थान के बीच एमओयू किया गया है। यह सेटअप राइज (रोबोटिक एसिसटेड इंटरवेंशन फॉर सर्जिकल एक्सीलेंस) प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जाएगा।
प्रोजेक्ट राइज का उद्देश्य पहले से अधिक सुरक्षित और सटीक उपचार देना है। मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से एमओयू का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रदेश के नागरिकों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगी। एम्स के निदेशक डॉ. माधवा नंदकर और एनसीएल के सीएसआर विभाग के महाप्रबंधक राजीव रंजन मौजूद रहे। इनके साथ डॉ. रेहान उल हक (डीन-रिसर्च), डॉ. (मेजर) मयंक दीक्षित (उप-चिकित्सा अधीक्षक), यूरोलॉजी विभाग से डॉ. देवाशीष कौशल व डॉ. केतन मेहरा और सीटीवीएस विभाग से डॉ. विक्रम बट्टी भी उपस्थित रहे।
पहला सरकारी अस्पताल होगा एम्स एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, भोपाल का एम्स के यूरोलॉजी विभाग में जल्द ही दा विंची रोबोटिक आर्म सिस्टम स्थापित किया जाएगा। यह एम्स भोपाल को मध्य भारत का पहला सरकारी अस्पताल बनाएगा, जहां रोबोट की मदद से जटिल ऑपरेशन किए जाएंगे।
तीन हिस्सों में काम करेगा रोबोट इस सिस्टम में एक कंसोल सिस्टम और दो रोबोटिक आर्म शामिल होंगे। डॉक्टर अपने कंसोल से कमांड देंगे और ऑपरेशन थिएटर में मौजूद रोबोटिक आर्म उन आदेशों के मुताबिक सर्जरी करेगा। खास बात यह है कि एक मोबाइल रोबोटिक आर्म भी होगा, जिसे दुनिया के किसी भी हिस्से में ले जाकर ऑपरेशन किया जा सकेगा। इस तरह भोपाल का डॉक्टर विदेश में बैठे मरीज का भी ऑपरेशन कर पाएगा।
एम्स में मौजूद प्रशिक्षित डॉक्टर यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर केतन मेहरा ऑस्ट्रिया से रोबोटिक सर्जरी का कोर्स पूरा कर लौटे हैं। शुरुआत यूरोलॉजी विभाग से होगी और धीरे-धीरे अन्य विभागों में भी इसका इस्तेमाल होगा। इस तकनीक से प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब की थैली का कैंसर, किडनी का कैंसर जैसे जटिल ऑपरेशन आसानी से किए जा सकेंगे।
10 गुना ज्यादा संवेदनशील इस रोबोटिक आर्म का कैमरा सामान्य आंख से दस गुना ज्यादा संवेदनशील है। हाई डेफिनिशन इमेजिंग सिस्टम डॉक्टर को शरीर के सबसे बारीक हिस्से तक देखने की सुविधा देता है। थ्रीडी विजन के कारण डॉक्टर उन जगहों को भी स्पष्ट देख पाएंगे, जहां मानव आंख से देखना मुश्किल है।
यह मिलेगा फायदे
- सर्जरी छोटे छेद से होगी, बड़े कट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- मरीज का खून कम बहेगा और रिकवरी तेजी से होगी।
- डॉक्टर अत्यधिक जटिल हिस्सों तक पहुंचकर ऑपरेशन कर पाएंगे।
- मरीजों के लिए यह तकनीक अधिक सुरक्षित और कारगर साबित होगी।
मांग भी तेजी से बढ़ रही एम्स भोपाल के डिप्टी डायरेक्टर संदेश जैन ने कहा कि वर्तमान में बीमारियों की जटिलता बढ़ रही है, ऐसे में रोबोटिक सर्जरी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। यह तकनीक पारंपरिक सर्जरी की तुलना में ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित है।
 
 
 














