
खंडवा कलेक्टर ने दिखाई मानवता – अकेली बच्ची को दिलाया नया आसरा, कहा “यहां सुरक्षित हो, हम सब देख लेंगे”
खंडवा ।। दादाजी के खंडवा में मानवता और संवेदनशीलता की एक मिसाल तब सामने आई, जब एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची अकेले कलेक्टर कार्यालय पहुंची और अपनी पूरी आपबीती खुद कलेक्टर साहब को सुनाई। बच्ची ने साहस दिखाते हुए बताया कि उसके पिता उसे रेलवे स्टेशन पर छोड़कर चले गए थे। बच्ची रातभर वहीं रही और सुबह स्वयं चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गई।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया की कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने बच्ची से मिलते ही सबसे पहले उसके भोजन की व्यवस्था करवाई। साथ ही उसके लिए कपड़े, चप्पल और आवश्यक सामग्री तुरंत उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बच्ची के मन को समझते हुए तत्काल बाल कल्याण समिति को निर्देशित किया कि बच्ची को ‘किलकारी शिशु गृह’ में सुरक्षित स्थान प्रदान किया जाए।
कलेक्टर साहब ने बच्ची से स्नेहपूर्वक कहा: “आप यहां पर आराम से और अच्छे से रहो, हम सब देख लेंगे। बच्चों का हित सबसे पहले है।”उनके इन शब्दों ने न सिर्फ बच्ची को सुकून दिया, बल्कि सभी उपस्थितजनों को भावुक भी कर दिया। दीपमाला विधाणी, संचालक – सहज समागम फाउंडेशन एवं किलकारी शिशु गृह द्वारा की गई काउंसलिंग में यह स्पष्ट हुआ कि बच्ची अब धीरे-धीरे बातों को समझने लगी है और सुरक्षित माहौल में सहज महसूस कर रही है। बच्ची ने जो कुछ उसके साथ हुआ था, वह सब विस्तार से कलेक्टर साहब को भी बताया गया। ज्ञात हो कि बच्ची मूलतः खरगोन जिले के पास की है, जो अपनी नानी के पास रह रही थी। परंतु, उसके नशे के आदि पिता बार-बार उसे वहां से लाकर मदद के नाम पर शहर लाते और धमकी देते कि अगर सहायता नहीं मिली तो बच्ची को छोड़ देंगे। अंततः वही हुआ – बच्ची को रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया गया। कलेक्टर ऋषभ गुप्ता की त्वरित संवेदनशीलता, मानवीय दृष्टिकोण और सक्रिय कदमों के चलते आज यह बच्ची एक सुरक्षित वातावरण में है। बच्ची को उसी दिन शाम 4:30 बजे ‘किलकारी शिशु गृह’ में प्रवेश दिलाया गया और आगे की प्रक्रिया बाल कल्याण समिति द्वारा संपन्न की जा रही है। समाज में जब ऐसे अधिकारी होते हैं जो न सिर्फ प्रशासनिक कार्य करते हैं, बल्कि संवेदना से भी जुड़े होते हैं, तब ही बच्चों और जरूरतमंदों का भविष्य उज्ज्वल हो पाता है। समागम फाउंडेशन की ओर से खंडवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता को इस उत्कृष्ट मानवीय पहल के लिए कोटिशः धन्यवाद।