
सिंहस्थ और कुंभ में अंतर…
🎯 त्रिलोक न्यूज़ चैनल
कुंभ और सिंहस्थ दोनों ही हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक आयोजन हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:
कुंभ मेला:
* कुंभ मेला चार स्थानों पर आयोजित किया जाता है: हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन।
* यह मेला प्रत्येक तीन वर्ष में बारी-बारी से इन चार स्थानों में आयोजित होता है।
* कुंभ का आयोजन ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है और यह सिंह राशि से संबंधित नहीं है।
* कुंभ मेले में अर्धकुंभ और महाकुंभ का भी आयोजन होता है।
* अर्धकुंभ छह वर्षों में हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित होता है।
* महाकुंभ 144 वर्षों में केवल प्रयागराज में आयोजित होता है।
सिंहस्थ कुंभ:
* सिंहस्थ कुंभ केवल दो स्थानों पर आयोजित होता है: उज्जैन और नासिक।
* यह मेला सिंह राशि में बृहस्पति के प्रवेश के साथ मेल खाता है।
* यह प्रत्येक 12 वर्षों में आयोजित किया जाता है।
* सिंहस्थ का विशेष संबंध सिंह राशि से है, और यह केवल उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है।
मुख्य अंतर:
* कुंभ मेला चार स्थानों पर आयोजित होता है, जबकि सिंहस्थ कुंभ केवल दो स्थानों पर आयोजित होता है।
* कुंभ मेला प्रत्येक तीन वर्ष में आयोजित होता है, जबकि सिंहस्थ कुंभ प्रत्येक 12 वर्षों में आयोजित होता है।
* सिंहस्थ का संबंध सिंह राशि से है, जबकि कुंभ का संबंध ग्रहों की अन्य स्थितियों से है।
इस प्रकार, सिंहस्थ कुंभ, कुंभ मेले का एक विशेष रूप है जो केवल उज्जैन और नासिक में सिंह राशि के योग पर आयोजित होता है।