
(जिला रिपोर्ट रितेश कैथवास)
इन वार्डों में अविकसित कॉलोनियों के डेवलपमेंट का प्लान तैयार
• वार्ड 2 में सत्यम गृह निर्माण सहकारी समिति।
• वार्ड 5 में विष्णुपुरी गृह निर्माण सहकारी समिति, आशा निलय वेलफेयर सेंटर राजगढ़।
• वार्ड 6 में नेहरू नगर, महेश नगर (आनंद विहार कॉलोनी)।
• वार्ड 8 में लोक कल्याण गृह निर्माण सहकारी समिति, गणेश गृह निर्माण समिति राजगढ़, गणेश गृह निर्माण समिति, फ्रेंड्स हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी बरबड़, न्यायिक कर्मचारी गृह निर्माण, राजगढ़ ग्राम।
• वार्ड 9 में प्रियदर्शिनी कॉलोनी, तिरुपति कॉलोनी, दीपक नगर, कस्तूरबा गृह निर्माण सह. समिति, त्रिलोक नगर।
• वार्ड 10 में श्री गौड़ ग्र.नि.स.
समिति (विरियाखेड़ी)।
• वार्ड 11 में अयोध्या बस्ती के पीछे वाली कॉलोनी।
• वार्ड 12 में विवेकानंद कॉलोनी, विद्या विहार कॉलोनी, विद्या विहार कॉलोनी के पास वाली कॉलोनी, एमबी नगर।
• वार्ड 17 में ऋषभ नगर जैन हाउसिंग कॉर्पोरेशन विरियाखेड़ी, सिद्धार्थ नगर, जैन नानेश गृह निर्माण समिति, श्री जैन सौभाग्य गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित, वर्धमान नगर।
• वार्ड 19 में हिम्मत नगर, अमृत सागर गृह निर्माण समिति, ओसवाल बड़े साथ गृह निर्माण समिति, वीआईपी कॉलोनी, पोरवाल नगर।
• वार्ड 20 में श्री नगर कॉलोनी, श्री कंस्ट्रक्शन अमृत सागर रोड,
नेमीनाथ नगर, ऋषभदेव नगर।
• वार्ड 23 में बालाजी नगर तेजा नगर के पास।
• वार्ड 24 में अशोक नगर के पास वाली कॉलोनी।
• वार्ड 25 में लक्ष्मी नगर बी।
■ वार्ड 27 में आजाद गृह निर्माण सहकारी समिति।
• वार्ड 29 में शिव शक्ति नगर धानासुता रोड।
वार्ड 30 में व्यावसायिक केंद्र महू रोड।
• वार्ड 31 मे गौरव नगर, गौरव धाम, गौरव लाइंस, गौरव पैलेस, गौरव कुंज, गौरव विहार।
• वार्ड 33 में केसर विहार कॉलोनी।
• वार्ड 36 में अभिभाषक नगर, सहकारी कर्मचारी गृह निर्माण समिति।
अनुमति लेकर बिना विकास कार्य किए प्लॉट बेचकर बसाई गई शहर की अविकसित कॉलोनियों के डेवलपमेंट का जिम्मा नगर निगम ने उठाया है। ऐसी 51 कॉलोनियां शहर में 40 लाख वर्ग फीट में फैली हैं। अब इनमें डामर और सीमेंट कांक्रीट की सड़कों के साथ नालियां व बगीचे बनाए जाएंगे। यहां बिजली भी पहुंचाएंगे। इसके लिए डेढ़ साल लंबे सर्वे के बाद इंजीनियरों ने सारी कॉलोनियों का एस्टीमेट बना लिया है। इसके अनुसार अविकसित कॉलोनियों को विकसित करने में लगभग 33.88 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका फायदा कॉलोनियों के 21 हजार से ज्यादा रहवासियों को मिलेगा, जो दशकों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जिंदगी गुजार रहे हैं। इसकी पहल कैबिनेट मंत्री और शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने 28 जून 2023 को अवैध से वैध हुई कॉलोनी मोहननगर में सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन करते हुए की थी। जल्द ही अविकसित कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू हो जाएंगे।
ऐसे बनीं अविकसित कॉलोनियां – ये कॉलोनियों 1998 के पहले की हैं। उस समय मप्र
विनिदिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम 1984 लागू था। कलेक्टर कॉलोनी विकास की परमिशन, कॉलोनाइजर का लाइसेंस और संपत्ति बेचने की परमिशन देते थे। मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी। कॉलोनाइजरों ने इसका फायदा उठाया। परमिशन और टीएंडसीपी से नक्शा तो पास कराया लेकिन बगैर मूलभूत सुविधा मुहैया कराए प्लॉट बेच दिए और निगम को हैंडओवर भी नहीं की।