संरक्षण पर्यावरण एवं जीव जंतुओं की रक्षा के लिए इस बार दीपावली पर कुछ नया करे, सुनील जैन
खंडवा। भगवान महावीर, राम, कृष्ण के इस अहिंसा देश में हम अहिंसा का पाठ बोले, इस बार दीपावली पर कुछ नया करें, जिससे विशाल जीव-जंतुओं की रक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की भी रक्षा की जा सके। आदर्श सुनील जैन ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि यदि आप अहिंसा, प्रकृति, पर्यावरण प्रेमी हैं तो इस बार दीपावली कुछ अलग तरह से मनाएं। बटकर ने दीपावली पर उन गरीब परिवारों की नियुक्ति नहीं की, जहां उनके भी दीपावली के दिन सहयोगी बने, साथियों को खाना खिलाएं, अभिलेखों को प्रकाशित किया गया, जहां लाभ जीरो है, जहां अभाव सौ प्रतिशत है। दीपावली का पर्व घर-घर दीप जलाने का है। हम सभी मिलकर अहिंसा का दीप जलाएं और दीपावली को उत्साह से मनाएं। अरबों रूपयों की वैकल्पिक बर्बादी, आग लग जाने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान, गर्भस्थ शिशु और बच्चों को नुकसान, वायु, जल, ध्वनि और मिट्टी का नुकसान, अरबों अन्नतों जीव-जंतुओं और आतंकवादियों की हत्या, आंखें और मंदिरों पर बुरा प्रभावकारी, वैश्विक चरम का खतरा, ईश्वर की वाणी का अपमान, शारीरिक क्षति और जनहानी अध्ययनों को उजागर किया गया है। इस वर्ष दीपावली पर कुछ नये करतब दिखाने से पहले उस राशि के सामाजिक उत्सव का उपयोग कर पुण्य प्राप्त करें।