
मुजफ्फरनगर। कैराना की सांसद इकरा हसन और सहारनपुर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) के बीच चल रहे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए इसे साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इकरा हसन को उनकी सांसद की हैसियत, महिला होने या मुस्लिम होने के कारण निशाना बनाया जा रहा है? टिकैत ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है और प्रशासन के रवैये पर गंभीर सवाल उठाए हैं।राकेश टिकैत ने कहा, “पहली बात, इकरा हसन एक सांसद हैं, फिर एक महिला हैं, और उसके बाद मुस्लिम। क्या उन्हें इन कारणों से टारगेट किया जा रहा है? एक अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं हो सकती कि वह एक सांसद के साथ इस तरह का व्यवहार करे। यह साफ तौर पर साजिश प्रतीत होती है, और इसकी गहन जांच होनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि यदि अधिकारी इस तरह का व्यवहार सांसदों के साथ कर रहे हैं, तो आम जनता के साथ उनका रवैया कैसा होगा? टिकैत ने सुझाव दिया कि इस मामले को संसद सत्र में उठाया जाना चाहिए और प्रशासन के व्यवहार में आए बदलाव की पड़ताल होनी चाहिए।टिकैत ने यह भी पूछा कि क्या सरकार ने अधिकारियों को इतनी शक्ति दे दी है कि वे सांसदों और विधायकों की बात तक न सुनें? उन्होंने कहा, “अधिकारी आते-जाते रहते हैं, लेकिन जनता और नेताओं को यहीं रहना है। अगर अधिकारी ने गलत किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने इस मामले में पंचायत की संभावना और संसद में आवाज उठाने की बात भी कही।हालांकि, इस विवाद की शुरुआत के सटीक कारणों का उल्लेख अभी अस्पष्ट है, लेकिन टिकैत का बयान इकरा हसन के साथ कथित तौर पर हुए दुर्व्यवहार को लेकर है। यह मामला न केवल प्रशासनिक व्यवहार पर सवाल उठाता है, बल्कि धार्मिक और लैंगिक आधार पर भेदभाव की आशंका को भी जन्म देता है। टिकैत ने यह भी संकेत दिया कि सत्ताधारी दल और स्थानीय नेताओं की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध हो सकती है।राकेश टिकैत का यह बयान मुरादाबाद और कैराना जैसे क्षेत्रों में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और गर्म कर सकता है। उनकी टिप्पणी ने न केवल प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी संदेश दिया है कि सांसद जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकता है। टिकैत ने यह भी कहा कि यदि इस मामले की जांच नहीं हुई, तो यह आम जनता और अन्य नेताओं के लिए भी गलत संदेश देगा।