खरगोनमध्यप्रदेश

कलेक्टर ने की महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा

पोषण आहार ट्रैक पर पोषण आहार वितरण की नियमित एंट्री करने के निर्देश

कलेक्टर ने की महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा

पोषण ट्रेकर एप पर पोषण आहार वितरण की नियमित एंट्री करने के निर्देश

📝🎯खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…

कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने 07 मई को महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों एवं ब्लाक समन्व्यक (बीसी) की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्रीमती हेमलता सोलंकी, सहायक संचालक सुश्री मोनिका बघेल, सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं ब्लाक समन्वयक उपस्थित थे।

 बैठक में कलेक्टर सुश्री मित्तल ने पोषण ट्रेकर एप पर गर्भवती व धात्री माताओं तथा 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों को दिये जा रहे टीएचआर (टेक होम राशन) एवं एचसीएम (होम कुक्ड मील) वितरण की बाल विकास परियोजनावार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि गर्भवती माताओं की एएनसी कराने के साथ ही गर्भवती व धात्री माताओं तथा आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज 06 माह से 03 वर्ष तक की आयु के बच्चों व 03 वर्ष से 06 वर्ष तक की आयु के बच्चों को टीएचआर व एचसीएम नियमित रूप से समय पर मिलना चाहिए और इसकी पोषण ट्रेकर एप पर एंट्री अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। इस एप पर कहीं पर भी फर्जी एंट्री नहीं होना चाहिए। विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप पर टीएचआर एवं एचसीएम वितरण के फोटो भी डाले जायें। जिससे पता चल सकेगा कि किस आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा किस महिला एवं बच्चे को पोषण आहार का वितरण किया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों को पोषण आहार प्रदाय करने वाले समूहों को पोषण ट्रेकर एप की एंट्री के आधार पर ही खाद्यान्न का भुगतान किया जाये। पोषण आहार वितरण में लापरवाही में पाये जाने पर संबंधित अंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, पर्यवेक्षक एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी पर कार्यवाही की जायेगी।

 बैठक में निर्देशित किया गया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों से टीकाकरण के दिन ही गर्भवती व धात्री माता को एक माह का टीएचआर प्रदान कर दिया जाये। एचसीएम के लिए यदि महिला आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं आ रही है तो उसे टिफिन में एचसीएम उसके घर पहुंचा कर दिया जाये। एचसीएम निर्धिरित मेन्यू के अनुसार ही दिया जाये और इसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल किये जायें। धात्री माताओं को टीएचआर एवं एचसीएम के लिए बार-बार आंगनवाड़ी केन्द्र न बुलाया जाये। पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से बच्चों के पोषण ग्रोथ की मानीटरिंग की जाये। इसमें जो बच्चे सेम एवं मेम केटेगिरी में पाये जायें उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकालने के लिए भर्ती किया जाये। बीसी की जिम्मेदारी होगी कि पोषण आहार टीएचआर एवं एचसीएम के वितरण का प्रतिदिन का डेटा बाल विकास परियोजना अधिकारियों को उपलब्ध करायेंगें।

 बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। इस दौरान निर्देशित किया गया कि टीएल बैठक में केपीआई(कि परफार्मेंस इंडिकेटर) के आधार पर साप्ताहिक समीक्षा में पोषण आहार वितरण, टीकाकरण, कुपोषित बच्चों के कुपोषण से बाहर आने, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अच्छी प्रगति आना चाहिए। सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान 300 दिन, 100 दिन एवं 50 दिन से लंबित‍ शिकायतों का शीघ्र निराकरण करने एवं उन्हें संतुष्टि के साथ बंद करने के निर्देश दिये गये।

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