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संविधान संशोधन कर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करें, अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद

जनसंख्या नियंत्रण, गौ रक्षा और लव जिहाद पर कड़े कानून बनाने की मांग रखी,

एडिटर/संपादक/तनीश गुप्ता,खण्डवा

संविधान संशोधन कर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करें, अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद

जनसंख्या नियंत्रण, गौ रक्षा और लव जिहाद पर कड़े कानून बनाने की मांग रखी,

खंडवा।। नगर में अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद का दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न हुआ, सम्मेलन में संविधान में संशोधन कर भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने, गौ रक्षा , लव जिहाद, समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण के बारे में कठोर कानून बनाए जाने की मांग की गई। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि इस सम्मेलन में मालवा प्रांत के 10 जिलों में कार्यरत अनुसांगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इन प्रमुख मुद्दों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के संगठनों को मजबूत करने और प्रत्येक प्रखंड में हनुमान चालीसा केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया गया। लगभग 6 साल पहले डॉ प्रवीण तोगडिया ने विश्व हिंदू परिषद के समानांतर अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद नाम का संगठन खड़ा किया था। इस संगठन को विस्तार देने के लिए माता चौक स्थित दशमेश परिसर में मालवा प्रांत में कार्यरत पदाधिकारियों का सम्मेलन हुआ। 2 दिन तक चले इस सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। संगठन के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री प्रदीप गौर ने मुख्य उद्बोधन देते हुए संगठनों के आगामी लक्ष्य बताए। श्री गौड़ ने कहा कि भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए संविधान संशोधन किया जाए। स मान नागरिक कानून, जनसंख्या नियंत्रण कानून , गौ रक्षा कानून और लव जिहाद रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि लंबे समय से भारत देश में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों का डीएनए टेस्ट करवाकर उन्हें बाहर निकाला जाए। इस बैठक में मालवा प्रांत के हर प्रखंड में हनुमान चालीसा केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया गया, सम्मेलन में प्रांत अध्यक्ष माखन जी पटेल इंदौर, बी आर डी प्रांत अध्यक्ष अनिल सिंगार इंदौर,किशोर यादव जी प्रांत महामंत्री,संजय यादव जी संगठन मंत्री,मुकेश पाटीदार उज्जैन,मनोज माहेश्वरी सहित
इस सम्मेलन में खंडवा ,खरगोन, बुरहानपुर, झाबुआ,बड़वानी,मंदसौर, इंदौर ,उज्जैन और देवास जिलों मैं कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के 22 अनुसांगिक संगठनों के महिला और पुरुष पदाधिकारी शामिल हुए थे।

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