बगहा पश्चिमी चम्पारण से सं.मो.अमशाद खां की रिपोर्ट
नदी किनारे मौजूद लोग
बगहा में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियों के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। जंगल से निकलने वाली मनोर और भपसा नदी में उफान के कारण कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। हालांकि गंडक नदी का जलस्तर फिलहाल स्थिर है, लेकिन भपसा नदी के उफान ने मलकौली, गनौली, पिपरा, कटहरवा केरई बेरई, सोनगढ़वा समेत एक दर्जन गांवों को पूरी तरह प्रभावित किया है। दरअसल, प्रभावित गांव दो ओर से नदी और एक ओर से जंगल से गिरा हुआ है। इन नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में बारिश होने के बाद नदियों में पानी का बहाव तेज हो जाता है। ग्रामीण नदियों पर पुल न होने के कारण नदी पार नहीं कर पाते हैं और नदियों में पानी रहने तक यह गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं। इस स्थिति के चलते ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इन गांव में ज्यादा प्रभाव
भपसा नदी के तूफान के बाद मलकौली, गनौली, और पिपरा गांव के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इन गांवों तक पहुंच पाना मुश्किल साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है की बारिश के मौसम में हर साल उन्हें इसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब तक इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकला गया है।
प्रशासन की तैयारी पूरी
बगहा के सीओ निखिल कुमार ने बताया कि यह पहाड़ी नदियों का पानी है और बारिश खत्म होने के साथ ही पानी भी कम हो जाता है। हालांकि प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। एनडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है और आवश्यकता अनुसार उन्हें लगाया जाएगा। इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भी तैयारी पूरी है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और जरूरी सावधानी बरतने की अपील की है।