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रहमतों का महीना माह- ए-रमजान आज से लोगों में हर्ष

रहमतों का महीना माह- ए-रमजान की आमद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में हर्ष है पहला रोजा मंगलवार को रखा जायेगा

संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट

श्री बंशीधर नगर से

रहमतों का महीना माह- ए-रमजान की आमद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में हर्ष है पहला रोजा मंगलवार को रखा जायेगा।अनुमंडल मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में पवित्र रमजान माह को लेकर तैयारियां की जा रही है मुस्लिम समुदाय के बच्चों ने मस्जिद की साफ सफाई किया, साथ ही समाज के लोगों ने भी रमजान माह को लेकर तैयारी कर रहे है।पवित्र माह ए रमजान में भूखे व प्यासे रहकर तीस दिनों तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं औऱ पांच वक्त की नमाज पाबंदी से पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं रमजानुल मुबारक का इस्तेकबाल इबादत,गरीब,बेसहारा लोगों की मदद करके किया जाता है.रमजान के महीना में नमाज तरावीह और इबादत मिलकर करने का सुनहरा मौका मिलता है।रोजा हर समझदार, अक्लमंद व बालीग का फर्ज है यानी पांच वक्तों की नमाज और तरावीह भी इस तरह वाजीब और जरूरी है इस वर्ष तरावीह की नमाज अदा को लेकर नन्हे रोजेदारों,बुजुर्गों में खुशी है .इबादत रहमत मगफिरत और बरकत का यह पवित्र मुकद्दस महीना इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है।

अंजुमन कमेटी के सदर तौहीद खान ने कहा कि पवित्र माह -ए- रमजान की तैयारी पूरी कर ली गई है.चेचरिया स्थित जामिया इस्लामिया जब्बारिया मस्जिद एवं विशुनपुर स्थित गौसिया मस्जिद में साफ सफाई किया गया है

उन्होंने कहा कि मस्जिदों में बिजली, पानी,लाइट का माकूल प्रबंध रहेंगे ताकि पाक महीने में सुकून से रोजेदारों और नमाज तरावीह पूरा कर सकेंगे।उन्होंने कहा कि दोनो मस्जिदों में 8:30 बजे से लेकर 10:30 बजे तक तरावीह की नमाज अदा किया जायेगा.उन्होंने कहा कि खुदा की इबादत करने वालों को किसी भी मौसम में परेशानी नहीं आती है गर्मी होने के बावजूद रोजेदार पूर्व की भांति इस वर्ष भी रोजा रख कर खुदा की इबादत करेंगे

मौलाना एजाज अंजुम ने कहा कि पहला रोजा अहले सुबह लगभग 4:45 तक सेहरी होगा जो शाम 6:10 बजे इफ्तार किया जायेगा ,यानी पहला रोजा करीब 14 घण्टे का रहेगा।उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में अल्लाह के लिए हर रोजेदार बहुत ही खास होता है. खुदा उसे बरकत और रहमत से नवाज़ता है इस महीने में सक्षम लोग अनिवार्य रूप से अपनी कुल संपत्ति का ढाई परसेंट एक निश्चित हिस्सा निकालकर उसे जकात के तौर पर गरीबों में बाटते हैं यह महीना मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है।

 

 

 

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