
कुशीनगर जिले के सुकरौली विकासखंड अंतर्गत परसिया ग्राम सभा में हरिजन आबादी के पास डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद सामने आया है। जानकारी के अनुसार हरिजन आबादी में रहने वाले हरिजनों ने अपनी आबादी की भूमि से लगभग एक-एक हाथ जमीन डॉ. आंबेडकर की मूर्ति लगाने के उद्देश्य से छोड़ी गई थी।
बताया जा रहा है कि उक्त जमीन को सुरक्षित रखने के लिए हरिजनों द्वारा बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा रहा था, ताकि भविष्य में प्रतिमा स्थापना में किसी प्रकार की बाधा न आए। इसी दौरान गांव के ही कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए निर्माण कार्य पर विरोध दर्ज कराया और जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाया। हरिजनों का कहना है कि संबंधित भूमि वर्ष 1996 में ही उन्हें विधिवत रूप से आवंटित की गई थी, जिसके सभी वैध कागजात उनके पास मौजूद हैं। उनका यह भी कहना है कि जमीन का उपयोग सामाजिक उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दलित समाज के लोगों को प्रेरणा मिल सके।
वहीं विरोध कर रहे लोगों का तर्क है कि जमीन को लेकर पहले से ही आपसी सहमति नहीं बनी है, इसलिए निर्माण कार्य रोका जाना चाहिए। मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दिए जाने की बात कही जा रही है।
फिलहाल परसिया गांव में इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन कागजातों की जांच कर स्पष्ट निर्णय ले, ताकि गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे और किसी प्रकार का तनाव उत्पन्न न हो।













