
कुशीनगर सुकरौली बाजार नगर पंचायत सुकरौली बाजार के वार्ड संख्या–4 बुद्धनगर स्थित कन्हैयालाल सरस्वती शिशु मंदिर एवं विद्या मंदिर पिपरपाती, सुकरौली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार परिवार विद्या भारती द्वारा आयोजित “सप्त शक्ति संगम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय महिला मंडल गतिविधि की प्रभारी, शिक्षिका एवं लेखिका श्रीमती ऋचा सिंह रहीं।
मुख्य अतिथि ऋचा सिंह ने उपस्थित माताओं और बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि नारी शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है। उन्होंने कहा कि संघ विचार परिवार (विद्या भारती) का मुख्य उद्देश्य भारतीय महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें सात प्रमुख शक्तियों—ज्ञान, संस्कार, सेवा, सुरक्षा, स्वावलंबन, स्वास्थ्य और संगठन—के प्रति जागरूक करना है। इन शक्तियों के माध्यम से पारिवारिक मूल्यों, संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम महिलाओं में आत्मसम्मान, संगठन और सशक्तिकरण की भावना को मजबूत करता है। कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्वच्छता और स्वदेशी जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अपील की कि जो महिलाएं किसी कारणवश कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं, उनके बीच जाकर इन विचारों का प्रचार-प्रसार करना भी उनकी जिम्मेदारी है।
ऋचा सिंह ने कहा कि मां ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है और परिवार उसकी पहली पाठशाला। बच्चों का अधिकांश समय घर पर व्यतीत होता है, इसलिए नैतिक जिम्मेदारी भी मां की अधिक होती है। उन्होंने माताओं से बच्चों को मोबाइल और पैकेट बंद खाद्य पदार्थों से दूर रखने तथा उनके संस्कार और शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
कार्यक्रम को विद्यालय के प्रबंधक एवं पूर्व ग्राम प्रधान अशोक कुमार पत्रकार ने भी संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सदैव जागरूक रहना चाहिए और अपने भाई-बहनों एवं बच्चों को शिक्षा व संस्कार के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे वे परिवार और समाज में केंद्रीय भूमिका निभा सकें।
विद्यालय के प्रधानाचार्य उमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ संस्कारों का विशेष ध्यान रखा जाता है। साथ ही ‘पंच परिवर्तन’—कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व का बोध और नागरिक कर्तव्य—के विचारों पर विशेष बल दिया जाता है।
इस अवसर पर विद्यालय की वरिष्ठ आचार्या श्रीमती सोनी ने प्रेरणादायी कविताओं एवं गीतों के माध्यम से माताओं को अपने दायित्वों के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम में विद्यालय समिति के निर्वतमान अध्यक्ष चन्द्रिका प्रसाद गुप्त, उपाध्यक्ष छोटेलाल शास्त्री, वरिष्ठ आचार्य वीरेंद्र प्रताप मिश्रा, गरिमा सिंह, रागिनी मद्धेशिया, गरिमा गौड़, सत्या कुमारी, विनायक त्रिपाठी, राघवेंद्र मिश्रा, अश्वनी चौरसिया सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन आचार्या गरिमा सिंह द्वारा किया गया।













