
कुशीनगर। हाटा गन्ना समिति परिक्षेत्र एवं गेट क्षेत्र में शरदकालीन गन्ना क्षेत्रफल बढ़ाने के उद्देश्य से चीनी मिल द्वारा कृषक हित में कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही गन्ने की वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने, उत्पादकता एवं चीनी परता में वृद्धि करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए गांव-गांव विशेष प्रशिक्षण अभियान भी संचालित किया जा रहा है।
इसी क्रम में ग्राम महेशपुर-पटनी में शरदकालीन गन्ना विकास गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान धर्मजीत सिंह ने की, जिन्होंने अपने खेत में तैयार गन्ने की फसल का प्रदर्शन भी किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व सहायक निदेशक (गन्ना) एवं विशेषज्ञ ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि गन्ना क्षेत्रफल बढ़ने से ही किसानों में वास्तविक खुशहाली आएगी। उन्होंने बताया कि जिस गांव में किसान एक लाख कुंतल गन्ना चीनी मिल को आपूर्ति करते हैं, वहां गन्ना फसल से लगभग चार करोड़ रुपये की आमदनी होती है। उन्होंने किसानों को अधिक उपज देने वाली प्रजातियां— को-0118, कोलख-14201, कोशा-13235 एवं कोलख-16202— क्षेत्र एवं खेत की स्थिति के अनुसार बोने की सलाह दी तथा चार फीट की दूरी पर बुवाई करने पर जोर दिया।
चीनी मिल के अधिशासी अध्यक्ष आर.के. गुप्ता ने बताया कि 8 दिसंबर तक हाटा गन्ना समिति के कृषकों को 943 लाख रुपये तथा कुल 12 समितियों के कृषकों को 4733 लाख रुपये का भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेजा जा चुका है। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक क्षेत्रफल में गन्ने की बुवाई करने की अपील करते हुए भरोसा दिलाया कि गन्ना मूल्य का भुगतान समय से किया जाएगा।
ग्राम महेशपुर के किसान बांके सिंह, धर्मजीत सिंह, मदन, कमलेश एवं जनार्दन सिंह ने बताया कि वे 60 रुपये प्रति कुंतल की दर से गन्ना काटने, छिलने एवं लादने की मजदूरी दे रहे हैं। समय से गन्ना मूल्य भुगतान मिलने और हाइल पर्ची की समस्या दूर होने से किसानों में संतोष और खुशी है।
इस अवसर पर अधिशासी उपाध्यक्ष (गन्ना) रविंद्र सिंह ने किसानों से साफ, छिला हुआ एवं ताजा गन्ना ही मिल पर आपूर्ति करने तथा गन्ना कोल्हुओं पर न बेचने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को यदि कोई समस्या हो तो तत्काल जानकारी दें, उसका त्वरित समाधान किया जाएगा।










