अन्य खबरेताज़ा ख़बरेंदेशमध्यप्रदेश

कंटेंट क्रिएटर, जिन्होंने शौक को प्रोफेशन में बदला:अब इनके लाखों फालोअर्स; बोले- वीडियो बनाना सिर्फ टाइमपास नहीं, करियर भी हो सकता है भोपाल

कंटेंट क्रिएटर, जिन्होंने शौक को प्रोफेशन में बदला:अब इनके लाखों फालोअर्स; बोले- वीडियो बनाना सिर्फ टाइमपास नहीं, करियर भी हो सकता है भोपाल

 

 

  त्रिलोक न्यूज़ मध्य प्रदेश सहायक प्रमुख प्रवीण कुमार दुबे 8839125553

भोपाल सिर्फ झीलों का शहर ही नहीं, बल्कि अब युवा क्रिएटर्स की नई राजधानी भी बनता जा रहा है। सोशल मीडिया के दौर में जहां कंटेंट क्रिएशन एक करियर और पहचान दोनों बन चुका है, वहीं भोपाल के कई युवा अपनी क्रिएटिविटी और मेहनत से डिजिटल दुनिया में खास पहचान बना रहे हैं।

हाल ही में आयोजित भोपाल क्रिएटर समिट ने इस बात को साबित किया कि यह शहर अब देशभर में उभरते टैलेंट के लिए खास बन चुका है। इस समिट में अलग-अलग क्षेत्रों के युवा क्रिएटर्स शामिल हुए और अपनी यात्रा, संघर्ष और सफलता की कहानियां साझा कीं। यहां हम आपको बताते हैं उन 6 क्रिएटर्स के बारे में, जो भोपाल की युवा पीढ़ी को मोटिवेट कर रहे हैं।

नए नजरिए से कंटेंट क्रिएशन की ओर सोशल मीडिया की दुनिया में हर दिन हजारों नए क्रिएटर जुड़ते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जो अपनी ऑरिजिनैलिटी और पैशन से आगे निकल पाते हैं। भोपाल के युवा क्रिएटर नमन उन्हीं में से एक हैं। नमन का कंटेंट ताजगी से भरा होता है, जिसमें न सिर्फ मनोरंजन है बल्कि सीख और प्रेरणा भी झलकती है।

शौक से शुरू हुआ सफर प्रोफेशन तक पहुंचा नमन बताते हैं कि उन्होंने कंटेंट क्रिएशन की शुरुआत महज एक शौक के तौर पर की थी। कैमरा उठाना, छोटे-छोटे वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर अपलोड करना- यही उनकी दिनचर्या थी। लेकिन, धीरे-धीरे समझ में आया कि कंटेंट बनाना सिर्फ टाइमपास नहीं, बल्कि करियर का रास्ता भी हो सकता है।

नमन ने बताया-

QuoteImage

सबसे बड़ी दिक्कत थी निरंतरता बनाए रखना।कभी उनके वीडियो को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता, तो कभी हफ्तों तक व्यूज़ नहीं आते। लेकिन, इसे सीखने का मौका बनाया। तय किया कि चाहे वीडियो चले या न चले, मैं कंटेंट बनाना बंद नहीं करूंगा। सीखते-सीखते ही ग्रोथ होती है।

QuoteImage

क्रिएटिविटी से दिखाए तो लोग होते हैं आकर्षित नमन का मानना है कि हर साधारण चीज को भी अगर सही एंगल और क्रिएटिविटी के साथ दिखाया जाए, तो वह लोगों को आकर्षित कर सकती है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि ‘कंटेंट का मतलब सिर्फ एंटरटेन करना नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ना और उनकी सोच को थोड़ा बदलना भी है।’

फूड और ASMR कंटेंट से कराया नया अनुभव सोशल मीडिया पर फूड कंटेंट की भरमार है। कहीं कोई नई डिश ट्राई कर रहा है, तो कहीं कोई स्ट्रीट फूड का रिव्यू कर रहा है। लेकिन, भोपाल के श्रेयश गुप्ता ने इससे अलग रास्ता चुना। उन्होंने खाने की दुनिया को ऑटोनॉमस सेंसरी मेरिडियन रिस्पॉन्स (ASMR ) के साथ एक अनोखे अंदाज में पेश किया। यानी सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि आवाज और अनुभव भी कंटेंट में शामिल होता है।

फूड और वीडियोग्राफी की दिलचस्पी को आगे बढ़ाया श्रेयश बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही फूड और वीडियोग्राफी दोनों में दिलचस्पी थी। कॉलेज के दिनों में वे दोस्तों के साथ अलग-अलग रेस्टोरेंट्स जाते और मोबाइल से वीडियो शूट करते थे। धीरे-धीरे अहसास हुआ कि खाने की सिर्फ तस्वीर दिखाना काफी नहीं है, बल्कि खाने की आवाज और मूड भी लोगों को आकर्षित करता है।

श्रेयश बताते हैं…

QuoteImage

शुरुआती दिनों में लोग उनके वीडियो को समझ ही नहीं पाते थे। कई बार कॉमेंट्स में सवाल आते “ये खाने की आवाज़ क्यों रिकॉर्ड कर रहे हो?” इसके अलावा उन्हें साउंड क्वालिटी की दिक्कत भी आई। एक छोटे से शोर या गड़बड़ी से पूरा वीडियो खराब हो जाता था। मुझे माइक्रोफोन पर निवेश करना पड़ा और कई बार एक ही वीडियो को 8–10 बार शूट करना पड़ा ताकि सही आवाज़ मिल सके।

QuoteImage

छोटे दुकानदारों को भी देते हैं प्लेटफॉर्म श्रेयश के पेज पर हजारों फॉलोअर्स जुड़े हैं। वे न सिर्फ खाने को नए अंदाज़ में दिखाते हैं, बल्कि स्थानीय फूड ब्रांड्स और छोटे दुकानदारों को भी प्लेटफॉर्म देते हैं। उनका मानना है कि फूड सिर्फ खाने तक सीमित नहीं है, यह एक अनुभव है। अगर आप उस अनुभव को असली रूप में पेश कर सकते हैं, तो लोग जरूर जुड़ेंगे। उनकी यही सोच नए क्रिएटर्स के लिए बड़ी सीख है—हर किसी का अपना USP (यूनिक सेलिंग पॉइंट) होना चाहिए।

भोपाल को डिजिटल फ्रेम में कैद करने वाला जब ज्यादातर लोग अपनी लाइफस्टाइल या एंटरटेनमेंट पर कंटेंट बना रहे हैं तो भोपाल के क्रिएटर अमीन ने एक अलग रास्ता चुना है। उनका पेज ‘भोपाल इवेंट्स अपडेट’ शहर की धड़कन को दिखाता है। कॉन्सर्ट, सांस्कृतिक आयोजन, फेस्टिवल या यूथ गेदरिंग भोपाल में जो भी खास होता है, अमीन उसे सामने लाते हैं।

कॉलेज के दिनों में कवर किए छोटे-छोटे इवेंट्स अमीन को शुरू से ही शहर से गहरा लगाव है। कॉलेज के दिनों में छोटे-छोटे इवेंट्स में कैमरा लेकर पहुंच जाते थे और वहां की तस्वीरें व वीडियोज़ सोशल मीडिया पर डालते थे। दोस्तों और परिचितों ने उनकी मेहनत की सराहना की। धीरे-धीरे लोग उनके पेज पर आने लगे। वे कहते हैं, भोपाल के हर कोने में कोई न कोई सांस्कृतिक धड़कन चल रही होती है।

कई बार इवेंट्स में एंट्री ही नहीं मिल पाती थी शुरुआत आसान नहीं थी। अमीन बताते हैं कि कई बार उन्हें इवेंट्स की शूटिंग के लिए एंट्री भी नहीं मिल पाती थी। अक्सर आयोजक उन्हें सीरियसली नहीं लेते थे, क्योंकि वे एक ‘इंफ्लुएंसर’ की बजाय सिर्फ एक युवा कैमरा लेकर घूमता लड़का लगते थे। कई बार मुझे बाहर ही रोक दिया जाता था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैंने वहीं से बाहर खड़े होकर तस्वीरें क्लिक कीं और छोटे-छोटे वीडियो बनाए।

अमीन ने बताया-

QuoteImage

लोगों ने उन पोस्ट्स पर अच्छा रिस्पॉन्स दिया, तभी आयोजक भी मुझे पहचानने लगे हैं। इसके अलावा उन्हें टेक्निकल चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। लाइव इवेंट शूट करना और तुरंत एडिट कर अपलोड करना आसान काम नहीं होता। एक छोटी सी गलती भी कंटेंट को कमजोर बना देती है।

QuoteImage

लोग इसलिए फॉलो करते हैं कि हर अपडेट मिले आज अमीन के पेज पर हजारों लोग जुड़े हैं, जो सिर्फ इसलिए फॉलो करते हैं ताकि उन्हें भोपाल के हर अपडेट मिलें। उनका मानना है कि सफलता की असली कुंजी है-निरंतरता और स्थानीय जुड़ाव। वे कहते हैं “अगर आप किसी भी शहर या विषय पर कंटेंट बना रहे हैं, तो उसमें लोकल कनेक्शन बहुत जरूरी है।

लोग तभी आपको देखेंगे जब उन्हें लगेगा कि आप उनकी बात कर रहे हैं। उनका यह अनुभव खासतौर पर उन नए क्रिएटर्स के लिए प्रेरणादायक है जो इवेंट या हाइपर-लोकल कंटेंट पर काम करना चाहते हैं।

स्ट्रीट्स की कहानियां और कैमरे की नजर महाराष्ट्र के युवा क्रिएटर संकेत जोशी का नाम आज उन लोगों में शामिल है जो अपनी कला से धीरे-धीरे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जगह बना रहे हैं। उनका पेज ‘संकेत एस. जोशी’ अभी शुरुआती स्तर पर है और उनके 287K फॉलोअर्स हैं। संख्या भले ही कम हो, लेकिन उनका कहना है कि असली मायने कंटेंट की ऑथेंटिसिटी और क्वालिटी रखते हैं।संकेत ने अपनी पहचान स्ट्रीट फोटोग्राफी और ट्रैवल फोटोग्राफी के जरिए बनाई है।

भोपाल की गलियों और लोगों को दिखाया संकेत बताते हैं कि फोटोग्राफी का शौक उन्हें कॉलेज के दिनों से था। उन्होंने अपने फोन कैमरे से शुरुआत की और धीरे-धीरे DSLR तक पहुंचे। शुरू-शुरू में लोग काम को गंभीरता से नहीं लेते थे। अक्सर उन्हें कहा जाता था कि “फोटोग्राफी से करियर बनाना मुश्किल है”, लेकिन उन्होंने अपने शौक को जुनून में बदल दिया।

संकेत ने बताया-

QuoteImage

सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब भोपाल की गलियों और लोगों की कैंडिड तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालना शुरू किया। सुबह चाय बेचते दुकानदार की मुस्कान, मंदिर जाते बुजुर्ग की आस्था, बच्चों का खेलना जैसी छोटी-छोटी झलकियां ने पेज पर आने वालों को छुआ।

QuoteImage

पहले न तो सही ऑडियंस मिली, न ज्यादा रीच संकेत मानते हैं कि कंटेंट क्रिएशन की राह आसान नहीं होती। शुरुआत में उन्हें न तो सही ऑडियंस मिल पाई और न ही ज्यादा रीच। कई बार उनके फोटो पर सिर्फ कुछ ही लाइक्स आते थे। लेकिन उन्होंने इसे कभी फेल्योर नहीं माना। वे कहते हैं “हर तस्वीर को मैं अपनी प्रैक्टिस समझता हूँ। अगर 100 तस्वीरों में से सिर्फ 1 भी लोगों को पसंद आती है, तो वो मेरी जीत है।

तकनीकी तौर पर भी उन्हें काफी कुछ सीखना पड़ा। लाइटिंग, कैमरा एंगल, एडिटिंग—ये सब समय और मेहनत से ही सीखा जा सकता है। इसके लिए उन्होंने यूट्यूब ट्यूटोरियल्स और ऑनलाइन फ्री कोर्स का सहारा लिया।

कंटेंट से रोजमर्रा की जिंदगी को खास बनाया सोशल मीडिया की दुनिया में कुछ क्रिएटर्स ऐसे होते हैं, जो भीड़ में खो नहीं जाते, बल्कि अपनी पहचान एकदम अलग अंदाज से बनाते हैं। भोपाल की एनी जैन ऐसी ही क्रिएटर हैं। उनका कंटेंट न तो केवल एंटरटेनमेंट तक सीमित है और न ही सिर्फ रूटीन वीडियोज तक। वे रोजमर्रा की चीजों को नया ट्विस्ट देती हैं और ‘अमेजिंग फाइंड्स’ के जरिए लोगों को ऐसी आइडियाज और प्रोडक्ट्स से परिचित कराती हैं, जिनसे उनकी जिंदगी आसान और दिलचस्प बन सके।

मजे के लिए बनाती थी, लोग पसंद करने लगे एनी बताती हैं कि शुरुआत में सिर्फ मज़े के लिए छोटे-छोटे वीडियो बनाए थे। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने महसूस किया कि लोग उनके क्रिएटिव आइडियाज और अमेज़िंग प्रोडक्ट्स रिव्यू को काफी पसंद कर रहे हैं। वे कहती हैं कि “मुझे हमेशा से कुछ नया ट्राय करना अच्छा लगता है।

चाहे वह कोई डेकोरेशन आइटम हो, कोई गैजेट हो या फिर कोई क्रिएटिव आइडिया। जब मैंने इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू किया, तो लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने मुझे और प्रोत्साहित किया।” यहीं से उनका सफर एक कंटेंट क्रिएटर के रूप में शुरू हुआ।

कंटेंट में अलग पहचान बनाना सबसे बड़ी चुनौती थी हर नए क्रिएटर की तरह एनी को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कंटेंट में अलग पहचान बनाना सबसे बड़ी चुनौती थी। भीड़ भरी सोशल मीडिया दुनिया में खड़े होना आसान नहीं होता।

एनी जैन ने बताया-

QuoteImage

कभी-कभी उनके वीडियोज़ को व्यूज नहीं मिलते थे, जिससे मोटिवेशन टूट जाता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मैंने सोचा कि अगर मुझे खुद यह चीज दिलचस्प लग रही है, तो कोई न कोई इसे जरूर पसंद करेगा। बस इसी सोच के साथ मैं लगातार काम करती रही।

QuoteImage

कंटेंट से जुड़ाव महसूस करता है ऑडियंस रिलेटेबल कंटेंट एनी की सबसे बड़ी ताकत है। वे उन्हीं प्रोडक्ट्स, ट्रिक्स और आइडियाज को शेयर करती हैं, जिन्हें लोग अपनी जिंदगी में वाकई इस्तेमाल कर सकते हैं। यही वजह है कि उनका ऑडियंस उनसे जुड़ाव महसूस करता है। वे कहती हैं “मेरा मानना है कि कंटेंट तभी काम करता है जब वह ऑडियंस की जिंदगी में किसी न किसी रूप में वैल्यू जोड़ता है।”

कंसिस्टेंसी और क्रिएटिविटी सबसे अहम हथियार आज एनी के पेज पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स जुड़े हैं। उन्हें लोगों से लगातार मैसेज आते हैं कि उनके अमेजिंग फाइंड्स या क्रिएटिव आइडियाज ने उनकी मदद की। उनकी यह जर्नी साबित करती है कि कंसिस्टेंसी और क्रिएटिविटी सोशल मीडिया पर सबसे अहम हथियार हैं।

क्रिएटिव विजन और कहानी कहने की कला भोपाल के उभरते हुए नामों में से एक हैं मयंक तिवारी। वे ऐसे कंटेंट क्रिएटर हैं जो सिर्फ वीडियो नहीं बनाते, बल्कि हर वीडियो के जरिए एक कहानी कहते हैं। यही वजह है कि उनका काम ऑडियंस के दिल तक पहुंचता है।

छोटे-छोटे क्लिप्स रिकॉर्ड कर दोस्तों को दिखाना मयंक को बचपन से ही कहानियों और विजुअल्स का शौक था। वे अक्सर छोटे-छोटे क्लिप्स रिकॉर्ड करते और उन्हें एडिट करके दोस्तों को दिखाते। सोशल मीडिया के दौर ने उन्हें मौका दिया कि वे अपनी क्रिएटिविटी को दुनिया के सामने रख सकें।

खुद से एडिटिंग, कैमरा हैंडलिंग सीखना शुरू किया मयंक का मानना है कि क्रिएटिविटी और टेक्निकल स्किल का संतुलन बनाना सबसे मुश्किल काम है। कई बार उनके पास आइडिया होते थे, लेकिन टेक्निकल नॉलेज की कमी के कारण वे उसे सही तरीके से पेश नहीं कर पाते थे।

मयंक ने बताया-

QuoteImage

मैंने हार नहीं मानी और खुद से एडिटिंग, कैमरा हैंडलिंग सीखना शुरू किया। अगर आपको खुद पर भरोसा है, तो कोई स्किल सीखने से आपको रोक नहीं सकता।

QuoteImage

छोटी सी रील्स में कहानी का फील करा देना स्टोरी टेलिंग मयंक की सबसे बड़ी ताकत है। चाहे वह ट्रैवल वीडियो हो, कोई रील हो या फिर एक छोटा-सा क्रिएटिव प्रोजेक्ट…वे उसमें एक कहानी पिरो देते हैं। यही वजह है कि उनके वीडियोज सिर्फ देखे नहीं जाते, बल्कि फील किए जाते हैं।

लोगों की जिंदगी को छू रहा कंटेंट मयंक के पास आज एक स्थिर फॉलोअर बेस है, जो उनके कंटेंट का बेसब्री से इंतजार करता है। उनके वीडियोज पर लोग कहते हैं कि वे उन्हें इंस्पिरेशन और कनेक्शन देते हैं। उनके लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उनका काम सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी को छू रहा है।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!