
चार महीने तक चातुर्मास के दौरान नगर में होंगे अनुष्ठान ,होगी धर्म की प्रभावना।
आत्म चिंतन के लिए चातुर्मास श्रावक और साधु दोनों के लिए परोपकारी होता है। “मुनिश्री विश्रुत सागर”
जैन धर्मशाला में धार्मिक विधियों से चातुर्मास कलश स्थापना का अनुष्ठान संपन्न।
खंडवा ।। संत और समाज एक गाड़ी के दो पहियों के समान है।संत अपने ज्ञान के माध्यम से समाज को बुरी प्रवृत्तियों से बचने बचाने की राह दिखाते हैं तो समाज भी उनकी सेवा करके वैयावृत्ती का पुण्य कमाते हैं।चातुर्मास श्रावक और साधु दोनों के लिये परमोपकारी होता है।यह समय आत्म चिन्तन,तपस्या और साधना के लिये उत्कृष्ट अवसर होता है।इसमें दान,पुण्य,सेवा कार्य के साथ ही इंद्रियों पर नियंत्रण को महत्वपूर्ण माना गया है।
चातुर्मासिक कलश स्थापना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपाध्याय विश्रुतसागर जी ने उक्त बात कही। मुनि श्री ने कहा कि सूक्ष्म जीवों की रक्षा के उद्देश्य से दिगम्बर जैन संत चातुर्मास में एक ही स्थान पर प्रवास कर अपनी साधना करते हैं।आत्म सुधार,धर्म ध्यान और आध्यात्मिक विकास का यह पर्व समाज मे भक्ति भाव, उपवास,व्रत आदि करके मनाया जाता है। यह सामाजिक एकता का परिचायक भी है।इसे वर्षायोग भी कहते हैं।वर्षा ऋतु में सूक्ष्म, बादर एवम संमुर्छन जीवों की उत्पत्ति विशेष रूप से होती है।जल के संपर्क में आकर भूमि में दबे बीज भी अंकुरित हो जाते है वही सीलन,फफूंद,काई भी स्वतः हो जाती है।इन सभी त्रस व स्थावर जीवो की विराधना से बचने के लिये साधु विहार नहीं करते है।
धन और धर्म का महत्व बताते हुए मुनि श्री ने कहा कि धन समुद्र के खारे पानी की तरह है।जितना हम पीते है उतनी ही प्यास और बढ़ती जाती है।धन को धर्म के साथ जोड़कर हम आत्मीय रूप से धनवान बन सकते हैं। समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि हर्ष का विषय है कि वर्षाकाल के दौरान चार महीने तक नगर वासियों को विश्रुत सागर जी,निर्वेद सागर जी महाराज का सानिध्य प्राप्त होगा पोरवाड़ दिगम्बर जैन धर्मशाला में धार्मिक अनुष्ठानों, प्रवचनों के माध्यम से धर्म की प्रभावना होगी। गुरुवार 17 जुलाई को 6 घंटे तक मुनि संघ के सानिध्य में चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ।मुनि सेवा समिति के प्रचार मंत्री प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि कलश स्थापना कार्यक्रम में प्रथम सर्वार्थ सिद्धि कलश प्रदीप कुमार श्रीमती प्राची जैन जबलपुर, द्वितीय कलश पार्श्वनाथ कलश चिंतामण जैन विकास जैन विपिन जैन इमली परिवार, तृतीय कलश महावीर कलश संजय जैन श्रीमती शिवानी जैन जबलपुर, चतुर्थ कलश मुनिसुब्रत नाथ कलश सुभाष जी ,श्रीमती सुधा सेठी, सुमित सेठी ,सुलभ सेठी, पंचम कलश आदिनाथ कलश कैलाश उमा ,ऋषभ कुमार, रोहित कुमार, तरुण कुमार गंगवाल परिवार को प्राप्त हुआ।उपाध्याय श्री का पाद प्रक्षालन श्रीमती रेखा महेश जैन, उपाध्याय श्री जी को शास्त्र भेंट जय जिनेंद्र महिला मंडल, उपाध्याय श्री ससंघ को जाप्य माला भेंट श्रीमती चंचल छाबड़ा ,प्रदीप छाबड़ा, पंकज छाबड़ा,श्रीमती सहानुभूति जितेंद्र जैन पंधाना वाले परिवार को प्राप्त हुआ। चातुर्मास स्थापना पूर्णियार्जक श्रीमती कामिनी अतुल जैन,श्रीमती ममता कासलीवाल ,श्रीमान विनोद कुमार बडजात्या,श्रीमती अंशिका समकित जैन,श्रीमती रोशनी बैनाडा श्रीमान हेमंत कुमार
गोधा,श्रीमान विजय कुमार पाटनी,श्रीमती विजया जैन डॉ अनिल जैन भीकनगांव,श्रीमती वंदना अविनाश जैन,श्रीमती विजयाबाई श्रीमान कैलाश पहाड़िया को प्राप्त हुआ।
मंडप उद्घाटन करने का सौभाग्य श्रीमान कांतिलाल अभय चोपड़ा। वस्त्र भेट श्रीमती सुभद्रा सुमतीलाल जैन, मुनि श्री निर्वेद सागर जी को शास्त्र भेंट दिगंबर जैन सोशल ग्रुप खंडवा द्वारा किया गया। अंत में आचार्य श्री विरागसागर महाराज की आरती मुनी विहार सेवा ग्रुप खंडवा के सभी बालक बालिकाएं द्वारा की गई। तत्पश्चात शाम 6:30 बजे मुनि संघ के मंत्र उपचार के बीच कलश स्थापना का कार्य संपन्न हुआ। कलश स्थापना कार्यक्रम की संपन्न संपूर्ण विधि पंडित पुण्यांश जैन द्वारा संपन्न कराई गई। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध एंकर प्रदीप जैन एवं पंकज जैन महल द्वारा किया गया। आभार मुनी सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सेठी अविनाश जैन ने व्यक्त किया।