
थाईलैंड में आयोजित कयाकिंग केनोइंग
इंटरनेशनल चैंपियनशिप संपन्न,
इंदिरा सागर बांध के बैक वाटर में नाव चलाने वाली 15 वर्षीय दीपिका ने एशियाई चैंपियनशिप थाईलैंड में जीता ब्रांज मेडल,
सिंगाजी की रहने वाली दीपिका की बड़ी बहन कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत कर बनी है नेवी अधिकारी,
दोनों गरीब बहनों ने खंडवा जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया है रोशन,
खंडवा ।। जिले में हर विधा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है प्रतिभाएं अपने हुनर के माध्यम से लगातार आगे बढ़कर खंडवा का नाम देश-विदेश में रोशन कर रही है, गरीबी में पिता का कर्ज उतारने के लिए नाव चला कर मछली पकड़ने वाली कावेरी तैराकी विदेशी खेल केनोइंग में इतना परिपक्व हुई की देश और अंतरराष्ट्रीय के कई मेडल प्राप्त कर इंडियन नेवी में सिंगाजी महाराज के आशीर्वाद से कावेरी का सिलेक्शन हो गया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि इसी तरह नाव चला कर कावेरी की छोटी बहन 15 वर्षीय दीपिका ढीमर ने भी रोयांग थाईलैंड में आयोजित कयाकिंग केनोइंग इंटरनेशनल चैंपियनशिप सी 2 जूनियर वुमन 200 मी प्रतियोगिता मे शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने गांव, अपने जिले, प्रदेश एवं अपने राष्ट्र के लिए जीता ब्रांज मेडल। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि दीपिका की इस जीत पर मंत्री कुंवर विजय शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी सुदेश वानखेडे, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, क्षेत्र के विधायक नारायण पटेल, खंडवा विधायक कंचन मुकेश तनवे, पंधाना विधायक छाया मोरे, कलेक्टर ऋषभ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक मनोज राय,सुनील जैन ने बधाई एवं शुभकामना दी। सुनील जैन ने बताया कि दीपिका की बहन कावेरी ढीमर ने भी खंडवा में बने इंदिरा सागर बांध के बैकवॉटर में अपने पिता का कर्ज उतारने के लिए नाव चला कर मछली पकड़ने के साथ नाव चलाने की कला को सीखा बांध के पानी में कावेरी को नाव चलाते देख तत्कालीन स्पोर्ट्स ऑफिसर ने उसे कैनोइंग गेम्स में ट्रेनिंग लेने के लिए वाटर स्पोर्ट अकादमी भोपाल पहुंचा दिया। उसके बाद कावेरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कैनोइंग गेम्स में उसने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर 45 से ज्यादा मेडल जीतकर खंडवा जिले का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया भारत सरकार द्वारा कावेरी का स्पोर्ट्स कोटे में इंडियन नेवी में सिलेक्शन हो गया। नेवी में सिलेक्ट होने के बाद 30 फरवरी 2025 को पहली बार वह अपने गांव पहुंची तो पूरे गांव के लोगों ने इसका जोरदार स्वागत किया साथ ही सामाजिक बंधुओ ने भी कावेरी का स्वागत किया इस अवसर पर सिंगाजी में तुलादान भी किया गया। समाजसेवी सुनील ने बताया कि खंडवा जिले के सिंगाजी गांव में नाव चला कर पिता के साथ मछली पकड़ने वाली कावेरी डिमर की कहानी 2016 में शुरू हुई। खंडवा जिले के तत्कालीन स्पोर्ट्स ऑफिसर जोसेफ बक्सला ने उसे नाव चलाते हुए पहली बार देखा तो कावेरी और उसकी दो अन्य बहनों को वाटर स्पोर्ट्स अकादमी भोपाल में भेज दिया। भोपाल अकादमी में विदेशी खेल कैनोइंग में कावेरी ने महारत हासिल की। कावेरी ने मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। कावेरी ने एशियन चैंपियनशीप थाइलैंड में ब्रांज मेडल, एशियन गेम चाइना, वर्ल्ड चैंपियनशीप जर्मनी, एशियन चैंपियनशीप एंड ओलंपिक क्वालिफायर जापा
न, एशियन चैंपियनशीप उजबिकीस्तान, यू-23 एशियन चैंपियनशीप थाईलैंड में भी हिस्सा लिया। नेशनल चैंपियनशीप में 4 गोल्ड, 6 सिल्वर व 3 ब्रांज मेडल जीते। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसे 11 लाख रुपए का इनाम भी दिया था। कावेरी का बचपन गरीबी में बीता। यही नहीं पिता के बिछाए जाल से मछलियां भी बिनती थी। पिता का 40 हजार रुपए का कर्ज उतारने के लिए कावेरी बैकवाटर में नाव चलाने लगी। पिता रात में जाल बिछाते तीनों बहनें सुबह जाकर जाल से मछली निकालती और ठेकेदार को दें आती।