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ड्रोन दीदी कविताः मेहनत और हौसले से आत्मनिर्भरता की उड़ान

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ड्रोन दीदी कविताः मेहनत और हौसले से आत्मनिर्भरता की उड़ान
खंडवा 30 मई,2025- खंडवा के रेवापुर गाँव की श्रीमती कविता चौहान की कहानी मेहनत और हौसले की जीवंत मिसाल है।आर्थिक तंगी से जूझते हुए कविता के लिए परिवार की देखभाल और बच्चों की पढ़ाई मुश्किल थी लेकिन संत सेवालाल स्व-सहायता समूह ने उनकी जिंदगी बदल दी।
इस समूह की 11 महिलाओं ने एकजुट होकर आत्मनिर्भरता की राह चुनी। समूह की बचत 24 हजार रुपये तक पहुँची, और गाँव संगठन व बैंक से मिले ऋण ने उनकी गतिविधियों को बल दिया। कविता ने 10 हजार रुपये के ऋण से ऑनलाइन और बैंक बी.सी. दुकान शुरू की, जिससे उन्हें 18-20 हजार रुपये की आय होने लगी।
कविता की यात्रा यहीं नहीं रुकी। ग्वालियर में नमो ड्रोन प्रशिक्षण में उनकी प्रतिभा चमकी, और वह ड्रोन दीदी बनीं। ड्रोन से 2 हजार एकड़ से अधिक खेतों में कीटनाशक छिड़काव कर उन्होंने 5.81 लाख रुपये से अधिक कमाए। आज कविता अपने परिवार की देखभाल और बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ गाँव की महिलाओं को आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखा रही हैं। आयुष्मान कार्ड, उज्जवला, और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर वह न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गाँव की प्रेरणा बन गई हैं।

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