
मुज़फ्फरनगर। कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले संविदा कर्मियों को अब बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को जिले के 19 कोविड स्टाफ कर्मचारी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का सिफारिशी पत्र लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से मिलने पहुंचे, लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।पीड़ितों के अनुसार वर्ष 2020 से जुलाई 2024 तक इन 19 संविदा कर्मचारियों ने विभिन्न स्वास्थ्य कार्यों में योगदान दिया, लेकिन 27 अगस्त 2024 को प्रमुख सचिव द्वारा जारी आदेश के बावजूद अब तक इनका समायोजन नहीं किया गया। उनका कहना है कि जिले में कुल 49 कोविड वॉरियर्स में से 30 का समायोजन किया जा चुका है, जबकि बाकी 19 सिर्फ आश्वासन पर टिके हुए हैं।विपुल शर्मा, जो इन पीड़ितों में से एक हैं, ने बताया कि प्रदेश स्तर पर बार-बार आदेश जारी होने के बावजूद मुज़फ्फरनगर के अधिकारी समायोजन में टालमटोल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “हम बीते दस महीनों से कभी लखनऊ तो कभी जिले के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन हर बार बजट और पद की कमी का बहाना दिया जाता है।”
पीड़ित कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग में समायोजन की मांग दोहराई है और कहा कि जब अन्य जिलों में समायोजन हो सकता है, तो मुज़फ्फरनगर में भेदभाव क्यों?