
*कटनी* किसानो के खेत मे पर्याप्त मात्रा पानी पहुंचाने के उद्देश्य से शासन के कई लाखों की लागत से बनाई गई नहर से किसानो का भला तो नहीं हुआ हा लेकिन नहर के नाम पर शासन के जिम्मेदार अधिकारी और नहर का निर्माण करने वाले ठेकेदारो का भला अवश्य हो गया और नहर से किसानो के खेतो मे पानी पहुंचाने का शाशन का सपना अधूरा रह गया इस प्रकार से शासन के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदारो की सांठ गाँठ से सरकारी पैसो का हेर फेर किया जाता है और तो और नहर के मरम्मत कार्य के लिए फिर से शाशन के रुपयों का दुरूपयोग किया और सीमेंट घोल कर नहर मे डाल दी गई और शाशन के कई लाखों रुपयों का फिर से हेर फेर किया और नहर आज तक शुरू नहीं हो सकी