
- शहर के बुढ़ाना मोड़ क्षेत्र स्थित अंकुर फर्टिलाइज़र फैक्ट्री एक बार फिर लोगों की सेहत पर खतरा बनकर सामने आई है। फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस ने शनिवार को आसपास की कॉलोनियों में हड़कंप मचा दिया। जहरीली गैस के प्रभाव से कई महिलाएं बेहोश हो गईं, जिन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। साथ ही, छोटे बच्चों की तबीयत बिगड़ने की भी खबर है। क्षेत्रवासियों ने अब इलाके से पलायन का ऐलान कर दिया है। इस इलाके में न्यूमैक्स के नाम से एक कॉलोनी सपने दिखाकर बेची जा रही है जबकि मौजूदा मौहल्ले वाले यहाँ के हालात के कारण पलायन की बात कह रहे है।स्थानीय निवासी अनूप सिंह ने बताया कि फैक्ट्री से पिछले दो दिनों से दिन में ही जहरीली गैस छोड़ी जा रही है। यह गैस हवा में घुलकर कृष्णापुरी प्रथम और गांव खंजापुर तक फैल रही है। शनिवार को गैस के कारण चार महिलाएं बेहोश हो गईं और उन्हें गंभीर सांस लेने में परेशानी हुई। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल लाया गया, जहां ऑक्सीजन के ज़रिए उपचार किया गया।जिला अस्पताल के इमरजेंसी प्रभारी डॉ. बाबूराम ने बताया, “बुढ़ाना मोड़ से कुछ महिलाएं लाई गई थीं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सभी को प्राथमिक उपचार देकर ऑक्सीजन दी गई और अब उनकी हालत स्थिर है।”
बच्चों और बुजुर्गों पर भी पड़ा असर
अनूप सिंह ने बताया कि मोहल्ले की चार-पांच बुजुर्ग महिलाएं भी गैस की चपेट में आ गईं और उन्हें सांस लेने में भारी दिक्कत हुई। बच्चों की तबीयत भी खराब हुई, जिन्हें निजी डॉक्टर के पास ले जाकर कोल्ड ड्रिंक पिलाकर अस्थायी राहत दी गई।
“पीने का पानी भी जहरीला”
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि फैक्ट्री के कारण न केवल हवा, बल्कि पानी भी पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। फैक्ट्री के पीछे बसे लोगों ने बताया कि यहां का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। लगभग हर घर में आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) लगाया गया है और लोग मजबूरी में केवल उसी से पानी पीते हैं।
“गरीबों को मरने के लिए छोड़ा गया”
खंजापुर में स्थित आवास विकास कॉलोनी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बनी थी, वहां गरीबों को रहने के लिए घर दिए गए थे। लेकिन अब वहां रहना दूभर हो गया है। अनूप सिंह ने तीखे शब्दों में कहा, “यहां लोगों को रहने के लिए नहीं, मरने के लिए जगह दी गई है।” फैक्ट्री से गंधक का रसायनयुक्त पानी छोड़ा जा रहा है और हवा में केमिकल गैस उड़ाई जा रही है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है।
“60-70 टन गंधक जमा, बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है”
स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि फैक्ट्री में 60 से 70 टन गंधक पड़ा हुआ है। अगर वहां किसी कारणवश आग लग जाती है या ज्वलनशील पदार्थ पहुंच जाता है, तो धमाके का असर शहर की कोतवाली तक महसूस किया जाएगा। लोगों का कहना है कि न केवल वायु और जल प्रदूषण, बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी इस फैक्ट्री के कारण बढ़ रहा है।
प्रशासन पर उदासीनता का आरोप
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में 700 से अधिक परिवार रहते हैं, लेकिन प्रशासन अब तक चुप बैठा है। जबकि फैक्ट्री के बिल्कुल पास 130 बीघा में एक नई नामचीन कॉलोनी न्यूमेक्स बसाई जा रही है, फिर भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो रही।
“हम मकान बेचने को तैयार हैं”
क्षेत्रवासियों ने कहा कि वे अब मकान बेचकर क्षेत्र से पलायन करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नई नामचीन कॉलोनी न्यूमेक्स को सपने दिखाकर बेचा जा रहा है जबकि हम लोग यहाँ से अपने घर बेचकर जाने को तैयार है। एक निवासी ने कहा, “अगर कोई हमारा मकान खरीदने को तैयार हो, तो हम तुरंत यहां से पलायन कर जाएंगे।”