
मेजा, प्रयागराज (प्रभांशु द्विवेदी)।
बच्चों को माता पिता के बुढ़ापे की लाठी कहा गया है। लेकिन, पैसों के चलते अपने ही पराए हो नैनी से एक ऐसी ही घटना सामने आई है। बड़ी बेटी का आरोप है कि छोटी में बीमार मां को एसआरएन अस्पताल में लावारिस में भर्ती करवा कर चली गई। वहीं चार दिन बाद इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। चंद्र देवी (70) खुलासा बाद के चकनिरातुल चौफटका की रहने वाली थी। पति अमीन के पद से सेवानिवृत है। परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां है। दूसरे नंबर की बेटी सुनीता ने बताया कि करीब 35 साल पहले उनकी मां नैनी के चुकदाऊद निवासी सीडीओ हरिश्चंद्र के साथ रहने लगी थी, जिसके बाद हम लोगों का उनके घर आना जाना होने लगा। हरिश्चंद्र को पहली पत्नी से एक बेटा भारत भूषण है। सुनीता ने बताया कि घर आने – जाने के दौरान उनकी छोटी बहन से भारत भूषण की नजदीकियां बढ़ी और उन दोनों ने शादी कर ली। सुनीता के मुताबिक उनकी न के पैर ने चोट लगने से देखभाल के लिए एक बार गई थी। इस बार सेवा की तो मां ने उन्हें करीब आठ लाख रुपए दिए थे। इस बात का पता चलने पर छोटी बेटी नाराज थी। वहीं,2022 में हरिश्चंद्र के मौत हो गई तो छोटी बेटी और उसके पति ने सेवा कारने से इनकार कर दिया। आरोप लगाया कि उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा। इस वजह से उनकी हालत खराब हो गई। 24 मार्च को उनकी मां की तबियत ज्यादा खराब हुई तो छोटी बेटी में उन्हें एसआरएन में लावारिस भारती कर कर भाग आईं। जहां इलाज के दौरान उन्होंने चौथे दिन दम तोड़ दिया।