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सकल ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप मानव मस्तिष्क हैं :- डॉ. सोमपाल सिंह

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सकल ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप मानव मस्तिष्क हैं :- डॉ. सोमपाल सिंह
खण्डवा।दिनांक विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संस्था प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. सोमपाल सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि चिंतन और एकाग्रता से सब कुछ पाया जा सकता है । एकाग्रता ही सफलता का मूल मंत्र है। वैश्विक स्तर पर ध्यान योग को अपनाये जाने के परिपेक्ष में कहा कि सकल ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप मानव मस्तिष्क होता है और मानव मस्तिष्क का केंद्र ध्यान योग है। विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर हार्टफूलनेस सेंटर के जितेंद्र वर्मा ने बताया कि ध्यान मानव के आंतरिक और बाह्य क्षमताओं के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। ध्यान जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए अतिआवश्यक है। वर्तमान जीवन की आपाधापी में ध्यान ही एक मात्र ऐसा सहज, सरल, सफल, उपाय है, जो मानसिक तनाव को दूर करता है। मेरे हृदय में ईश्‍वरीय प्रकाश विद्यमान है। इस पुनीत भाव से ही हम ध्यान मुद्रा में प्रवेश करते हुए एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं। हार्टफुलनेस केंद्र के सहयोगियों द्वारा उपस्थित को ध्यान कराया गया। कार्यक्रम में हार्टफुलनेस केंद्र के प्रशिक्षक जितेंद्र कुमार वर्मा एवं मानवेंद्र मेटावलकर और वॉलिंटियर अनिल कुमार मेहता, जितेंद्र भलसे और वैभव चौहान उपस्थित रहे। महाविद्यालय परिवार से प्राध्यापक गण और विद्यार्थियों ने इस ज्ञान का लाभ लिया। जिला योग समिति सचिव नारायण बाहेती व समाजसेवी सुनील जैन ने ध्यान दिवस कार्यक्रम आयोजन की बधाई दी।कार्यक्रम का संचालन एवं आभार क्रीड़ा अधिकारी अमित कुमार अब्राहम ने माना।

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