यज्ञोपवीत धारण करने से मिलती है,कर्तव्य पालन की प्रेरणा-शास्त्री
बाबा घुश्मेश्वरनाथ धाम में 18 वटुकों का हुआ, यज्ञोपवीत संस्कार
घुइसरनाथ धाम प्रतापगढ़: यज्ञोपवीत संस्कार होने से व्यक्ति को धार्मिक कार्य करने का अधिकार मिलने के साथ ही शुद्ध चरित्र और कर्तव्य पालन की प्रेरणा मिलती है।यह बातें आध्यात्मिक नगरी बाबा घुश्मेश्वरनाथ धाम में शिवम् साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित 16 वें सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार समारोह में मंच के संस्थापक आचार्य प्रतापनारायण मिश्र’शास्त्री’ ने कही।
उन्होंने पद्मपुराण का उल्लेख करते हुए कहा कि जाने-अंजाने में किये गये तमाम पाप यज्ञोपवीत धारण करने से नष्ट हो जाते हैं और आयु,बल, बुद्धि तथा सम्पत्ति की वृद्धि होती है। यज्ञोपवीत को ब्राह्मणों की शक्ति बताते हुए आचार्य ने यज्ञोपवीत पालन का मंत्र दिया। आचार्य आदित्य नारायण द्विवेदी ने कहा कि यज्ञोपवीत धारण करने के साथ ही नियमित गायत्री मंत्र का जप करने से ब्राह्मण आध्यात्मिक शक्ति संचित करता है। आचार्य विद्याभूषण मिश्र ने कहा कि यज्ञोपवीत देव श्रृण,पितृश्रृण, ऋषिऋण का प्रतीक है। आचार्य वीरेंद्रमणि तिवारी ने यज्ञोपवीत के पालन पर जोर दिया।कहा कि पाश्चात्य युग में हमारी संस्कृति का हनन हो रहा है,जो कि आने वाले समय के लिए घातक है। आचार्य प्रेमशंकर तिवारी ने बटुकों से अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहने का मंत्र दिया और कहा कि युवा पीढ़ी में यज्ञोपवीत धारण करने के प्रति रुचि कम है, जो कि हमारी सनातन संस्कृति के लिए उचित नही है। आचार्य शिवाकांत मिश्र ने यज्ञोपवीत संस्कार पर विस्तृत व्याख्यान दिया। आचार्य विद्याभूषण मिश्र ने 18 वटुकों को दीक्षा प्रदान किया।इस दौरान वटुकों के घर से पधारी महिलाओं ने मंगलगीत के जरिए समारोह को भव्यता प्रदान की।संयोजक आचार्य आदित्य नारायण द्विवेदी ने सभी के प्रति आभार जताया। संचालन आचार्य अशोक कुमार मिश्र ने किया।इस मौके पर आचार्य कृष्णनारायण पांडेय, व्यापार मंडल अध्यक्ष अखिलेश मिश्र,महंथ मयंकभाल गिरि, आचार्य दिनेश कुमार मिश्र,पं विपिन तिवारी,पं श्यामलाल पांडेय, फूलचंद्र पांडेय,पं सचींद्र तिवारी,पं रामचंद्र तिवारी,उमाशंकर शुक्ल,अजय पांडेय आदि मौजूद रहे।