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बारिश ने खोल दी भ्रष्टाचार की पोल, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या की स्थिति बदह
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दिल्ली/अयोध्या – देश की राजधानी दिल्ली और धार्मिक नगरी अयोध्या में हाल ही में हुई भारी बारिश ने प्रशासन और निर्माण कार्यों की पोल खोल दी है। दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण स्थल दोनों ही बारिश के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। यह घटनाएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए विकास के दावों पर सवाल खड़े करती हैं।
दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए G7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर की सजावट और विकास को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। लेकिन एक बारिश ने ही इन विकास कार्यों की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हवाई अड्डे पर जलभराव ने न केवल यात्री सेवाओं को बाधित किया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि बड़ी परियोजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण का अभाव है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है। हालांकि, हाल की बारिश ने यहां भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। केवल अस्पताल, स्कूल और मुख्य सड़के नहीं बल्कि मंदिर के अंदर राम लला के मूर्ति के पास भी पानी टपकने की भी खबरें आई हैं, जो निर्माण कंपनियों की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक निगरानी पर सवाल उठाती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन कंपनियों को निर्माण कार्य का ठेका दिया गया था, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, संभवतः मंत्रियों के करीबी होने के कारण।भारी बारिश ने इन दोनों महत्वपूर्ण स्थानों पर हुए विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति उजागर कर दी है। जनता का मानना है कि उनकी गाढ़ी कमाई को अनियोजित और भ्रष्टाचारपूर्ण तरीकों से खर्च किया गया है। लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार को इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।वर्तमान स्थिति में, जनता के बीच आक्रोश बढ़ रहा है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है। समय ही बताएगा कि क्या इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी या फिर इसे भी नजरअंदाज किया जाएगा।चाहे जो भी हो। परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन फ़िलहाल तो ये साफ़ दिखाई दे रहा है के निर्माण कंपनियों द्वारा जनता के पैसों को पानी में बहा दिया गया ।