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प्रशासनिक अधिकारियों का छोटे कर्मचारियों पर अत्याचार जारी

प्रशासनिक अधिकारियों का छोटे कर्मचारियों पर अत्याचार जारी

नगरी वि.खं. में पदस्थ अधिकारी पहले पेसा कानून पढें महेंद्र नेताम

अशोक संचेती /धमतरी जिले के नगरी विकासखंड से एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों का एक आदिवासी वर्ग के पंचायत कर्मचारी सचिव के साथ अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया गया है। कैसे एक नायब तहसीलदार गांव वालों व अन्य कर्मचारियों के सामने ही अपने प्रशासनिक दादागिरी का नमूना पेश किया है। अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए अकारण, दुर्भावनापूर्ण एक आदिवासी पंचायत सचिव को बंधक बनाकर अपने कार्यालय में रखा । तहसीलदार के उक्त निकृष्ट कृत्य से पीड़ित पंचायत सचिव मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहा है और अपने आपको अपमानित महसूस कर रहा है।
भाजपा आदिवासी मोर्चा के जिलाध्यक्ष महेन्द्र नेताम ने निंदा करते हुए उस निकृष्ट अधिकारियों पर एफ आई आर दर्ज कर एसटी एससी कानून के तहत कार्रवाई की जाये। पीड़ित सचिव से निवेदन किया है कि अपने आपको अकेला न समझे हम आपको हर स्तर पर सहयोग का भरोसा दिलाते हैं।
नगरी विकासखंड में पदस्थ सभी अधिकारी कर्मचारी पहले आदिवासी विकासखंड नगरी में लागू पेसा ऐक्ट को समझ लें। ऐसा न हो कि आदिवासी वर्ग अपना शांत स्वभाव को छोड़कर मूल स्वरूप दिखा दे।
इससे पूर्व ही एक माह पहले जनपद में पदस्थ एक उद्दंड सी इ ओ द्वारा एक आदिवासी पंचायत सचिव के साथ बदतमीजी की थी, वो तो अच्छा है कि मामले को आगे न ले जाकर उस सी इ ओ का ट्रांसफर कर मामले को शांत कर दिया गया। इसका कतई ये मतलब न निकालें कि आदिवासी मोर्चा चुप बैठेगा।
भाजपा आदिवासी मोर्चा के जिलाध्यक्ष महेन्द्र नेताम, प्रदेश सचिव अजय ध्रुव, नगरी मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र नाग, बेलर मंडल अध्यक्ष उमेन्द्र मरकाम, कुकरेल मंडल अध्यक्ष प्रेमसिंह सलाम, जिला महामंत्री रामखिलावन कंवर, शशिकान्त ध्रुव, गिरवर भंडारी, रामकुमार सामरथ, जागेश्वर नेताम ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से निवेदन किया है कि नगरी विकासखंड में पेसा कानून के खिलाफ काम करने वालों पर सख्ती से कार्यवाही की जाय।

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