
जब रचनात्मक विचार व्यवहार में बदलते हैं तो परिवर्तन आता है, भारतवासी के चेहरे पर मुस्कान रहे प्रयास होना चाहिए, ,,दीदी मां ऋतंभरा जी,,
गुरुपूजन एवं पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी का नागरिक अभिनंदन महोत्सव संपन्न,
खंडवा विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी दीदी का किया अभिनंदन,
खंडवा।। तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर ग्राम कोठी में 13 जुलाई को महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा पद्म भूषण से विभूषित वात्सल्य मूर्ति परम पूज्य दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी का गुरु पूजन महोत्सव के अंतर्गत नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। विधि विधान के साथ दीदी मां का नागरिक अभिनंदन श्रद्धालुओं द्वारा किया गया। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि परमशक्ति पीठ, ग्राम-कोठी, ओंकारेश्वर के आयोजकत्व में ‘गुरुपूजन महोत्सव एवं पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी नागरिक अभिनंदन महोत्सव’ मनाया गया । उल्लेखनीय है कि 27 मई को भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के द्वारा सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी को ‘पद्म भूषण’ नागरिक सम्मान से अलंकृत किया गया है। इस उपलब्धि के लिए परम शक्तिपीठ वात्सल्य ग्राम के संयोजन में गुरु पूजन के साथ दीदी मां का नागरिक अभिनंदन महोत्सव संपन्न हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दीदी मां के दर्शन कर उनका स्वागत अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वात्सल्य ग्राम की संचालिका साक्षी चेतन दीदी ने बताया कि गुरु पूजन कार्यक्रम 13 जुलाई रविवार को प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक जयसवाल समाज ट्रस्ट के कोठी स्थित अतिथि भवन संपन्न हुआ जहां वात्सल्य सेवा समिति द्वारा दीदी मां को पगड़ी और विशालकाय पुष्पमाला पहनाकर कर अभिनंदन किया गया। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि गुरु पूजन एवं नागरिक अभिनंदन समारोह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ जन प्रतिनिधि भी उपस्थित हुए। खंडवा विधायक कंचन मुकेश तनवे ने भी दीदी मां ऋतम्भरा जी के दर्शन भेंटकर अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं अभिनंदन महोत्सव में भी शामिल हुई। कार्यक्रम मैं प्रवचन के माध्यम से उद्बोधन देते हुए दीदी मां ने गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए अत्यंत प्रभावी उद्बोधन दिया। दीदी मां ने कहा कि किसी साधक को सतगुरु का मिलना अत्यंत सौभाग्य की बात है। गुरु अनुशासन की छेनी से शिष्य को गढ़ता है। दीदी मां ने कहा कि जब रचनात्मक विचार व्यवहार में बदलते हैं तो परिवर्तन आता है। हमें प्रत्येक भारतवासी के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए समर्पण एवं निष्ठा के साथ प्रयास करना होंगे। दीदी मां ने भक्तों के समक्ष अपने गुरु परमानंद जी महाराज की कृपा और रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़े संस्मरण साझा किए। दीदी मां ने बताया कि उन्होंने 16 वर्ष की आयु में बिना किसी को बताए घर छोड़ा था। मन में वैराग्य का भाव लिए मैं बस में बैठ गई और रुड़की होते हुए हरिद्वार पहुंची।तत्पश्चात अमृतसर के एक आश्रम में सत्संग के दौरान मुझे अपने महान गुरु का साक्षात्कार हुआ। आश्रम में अनेक दैदीप्यमान महापुरुष मौजूद थे। उनके बीच मेरे गुरुदेव बैठे थे। मैंने देखते ही गुरुदेव के चरणों में माथा टेका और फिर उनके चरणों से मेरा माथा नहीं उठा। गुरुदेव ने मेरे माथे को स्पर्श किया और मैं भावसमाधि के ध्यान की गहराइयों में उतर गई। गुरुदेव ने मुझे संन्यास की दीक्षा दी और ऋतंभरा नाम दिया। गुरुदेव के रूप में ईश्वर मुझे मिले। दीदी मां ने रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर अत्याचारों की बातें बताईं और मंदिर निर्माण में कारसेवकों के बलिदान का भावपूर्ण स्मरण किया। दीदी मां ने उपस्थित भक्तों से ऊंच- नीच,भेदभाव से ऊपर उठने तथा देश सेवा का वचन मांगा। दीदी मां ने महिलाओं और बालिकाओं को मर्यादा और माता पिता का सम्मान करने की प्रेरणा दी।दीदी मां ने कहा कि बालिकाएं उच्छृंखल नहीं बनें। रील बनाकर अपने चरित्र का पतन नहीं करें और इजरायल की वीर नारियों की तरह वीरबाला बनें।राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर ने राम जन्म भूमि आंदोलन में दीदी मां के महती योगदान पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला और कहा कि दीदी मां के उद्घोष “सौगंध राम की खाते हैं,मंदिर वहीं बनाएंगे” ने संपूर्ण भारतवासियों को झकझोर दिया। दीदी मां की ओजस्वी वाणी सुनकर नौजवान जागे और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। महोत्सव के प्रारंभ में परमशक्ति पीठ की नन्हीं बालिकाओं ने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रभावशाली प्रस्तुति दी।इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल मेरठ व उत्तराखंड के क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सोलंकी,परमशक्ति पीठ की संचालिका साध्वी साक्षी चेतना दीदी,विधायक राजकुमार मेव, खरगोन भाजपा जिलाध्यक्ष नंदा ब्राह्मणे, खंडवा विधायक कंचन तन्वे, विधायक सचिन बिरला,विधायक नारायण , आनंद केनाडकर, देवेंद्र शुक्ल, सेवादास पटेल तिलोक पटेल, धर्मेंद्र बजाज, आशीष चटकेले, सुनील जैन, लक्ष्मी नारायण बिरला, राजपाल चौहान, रमेश बिरला, राकेश पाटीदार, हितेंद्र सोलंकी, जगदीश मोरन्या सहित बड़ी संख्या में आसपास एवं दूरस्थ प्रदेशों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।