संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट गढ़वा
कांडी: से
मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तत्वावधान में आम जनों द्वारा आयोजित 24वें मानस महायज्ञ का शनिवार को 5वें दिन के प्रवचन सत्र में देवरिया से पधारे समाज सुधार व राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना की दिशा में अपने उद्बोधन से क्रांति की मशाल जलाने के लिए प्रतिबद्ध मिर्जापुर से पधारे पं. धर्मराज
शास्त्री ने कहा कि ईश्वर की कृपा पाने के लिए सुपात्र बनना पड़ता है। कुछ पाने के लिए अपने में पात्रता विकसित करनी पड़ेगी। अपनी बुनियाद – अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। कर्म करने के बाद ही भगवान की कृपा मिलती है। वृंदावन से पधारीं देवी शिखा चतुर्वेदी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा कही। उन्होंने सामाजिक संदर्भ देते हुए मानस व भागवत की कथा कही। कहा कि आप धर्म पर चलेंगे तो कोई आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकता। बालक को नजर लगी हो तो गोशाले में ले जाकर गाय की पूंछ शरीर पर फिरा दें। भगवान पर भी विपत्ति आई तो उन्हीं के नाम से हटाई गई। कह कि हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे – महामंत्र है।
वहीं आचार्य सौरभ कुमार भारद्वाज ने श्रीराम कथा के साथ कई भजन से श्रोताओं को बांधे रखा। विदित हो कि यह मानस महायज्ञ 6 मार्च तक चलेगा। 5 मार्च तक महायज्ञ के सभी कार्यक्रम चलेंगे। जबकि 6 मार्च को महायज्ञ की महापूर्णाहुति, संत विद्वानों की विदाई व महा भंडारा के साथ यज्ञ संपन्न हो जाएगा।