एक्सपायरी डेट के आंसू गैस के गोले दाग़ना मानव अधिकारों का हनन : एस पी वर्मा
वंदे भारत / अम्बाला
किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो की काल में पंजाब भर के किसान शामिल हो कर दिल्ली की और चल पड़े । पंजाब हरियाणा के बार्डर शंभू के नजदीक हरियाणा सरकार ने बैरिकेडिंग कर किसानों को वहीं पर रोक दिया। किसानों के द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ कर आगे बढ़ने के प्रयास को विफल करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए। किसानों लगातार प्रयास करते रहे और हरियाणा पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले दागती रही। जिसके भारी संख्या में किसान गंभीर रूप से घायल हुए। लिबरल पार्टी इंडिया के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस पी वर्मा ने बताया कि डिफ्यूज हुए आंसू गैस के गोले को देखकर पता चला कि यह गोले एक्सपायरी डेट के है। एस पी वर्मा ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए एक और हरियाणा पुलिस ने जहां जिलों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर रखी है वहीं और भी अनेकों बाधाएं के साथ नैशनल हाइवे पर सख्त नाकाबंदी कर रखी है। किसानों के वाहनों एवं पासपोर्ट के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का भय दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस के द्वारा किसानों पर एक्सपायरी आंसू गैस के गोले दागे जा रहें हैं। एस पी वर्मा ने कहा कि एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोलों को पुलिस फायरिंग रेंज में चलाकर यां गड्डे में दबाकर नष्ट करती है। आंसू गैस के इन गोलों के इस्तेमाल की अवधि पांच वर्ष तक की होती है। पहले तीन वर्ष इनका इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन फिर बाद में चार वर्ष तक इनका उपयोग प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान आंसू गैस के उपयोग की जानकारी नए पुलिस अधिकारियों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि एक्सपायर्ड आंसू गैस का मनुष्य पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे शरीर को बहुत नुक्सान होता है और आंखों की रोशनी तक जा सकती है एवं सांस में दिक्कत से मौत तक हो सकती है। हरियाणा सरकार की इस कार्रवाई के लिए किसान शायद ही हरियाणा सरकार को माफ़ कर पाएं। एस पी वर्मा ने कहा कि हमारा सभी किसान साथियों से आग्रह है कि वह संगठनों की गुटबंदी से ऊपर उठकर अपने हक़ सच के संघर्ष में हिस्सेदारी करें। उन्होंने किसान आंदोलन में युवाओं से अपील की वह संयम से काम लें सुझबुझ से निर्णय लें, अपने नेताओं की बात मानकर ही आगे बढ़े।
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