- ग्राम चौकरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास श्री अजय तिवारी जी महाराज रसिक जी ने कहा कि भगवान् श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से कंस के द्वारा भेजे गए राक्षसों का संहार करके बृज के लोगो को आनंद प्रदान किया। प्रसंग मे बताया गया कि माखन चोरी के बारे बताया कि लोग कहते है कि श्रीकृष्ण चोर थे उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण भगवान् चोर नहीं थे क्योंकि चोरी उसे कहते हैं जो दूसरों का सामान या बस्तु चुराता है लेकिन जब सकल ब्रह्मांड की बस्तुयें और सबकुछ उसी परमात्मा का हो तो श्रीकृष्ण चोर कैसे हुए। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण चोर नही थे। उन्होंने बाल लीला के बारे मे आगे माता यशोदा जी ने श्रीकृष्ण जी को एक बार मिट्टी खाते हुए देख लिया और पकड़ लिया तो श्रीकृष्ण जी ने कहा कि माँ मैंने मिट्टी नहीं खाई तो माता यशोदा जी ने कहा लल्ला एक बार मुँह तो खोल मै भी तो देखूँ मेरा लल्ला कितना सच्चा है और फिर जैसे ही भगवान् श्री कृष्ण ने मुँह खोला तो माता यशोदा मुँह में पूरा ब्रह्मांड देखती हैं और देखती रह जाती है। उन्हे श्रीकृष्ण सब समझा देते हैं माता तेरा लल्ला साधारण नहीं है। कथा व्यास महाराज जी ने आगे बताया कि मैया यशोदा अपने लल्ला कन्हैया की खुद देखभाल करती थी और उन्हे अच्छे संस्कार उन्हे सिखाती थी और सभी माताओं को भी अपने बालको की खुद अच्छे से देखभाल करनी चाहिए और छोटे से उन्हे अच्छे संस्कार देना चाहिए ।
परीक्षत कमलेश कुशवाहा ने सपत्नीक भागवत की आरती की इस मौके पर गाँव चौकरी के श्री बरुण शास्त्री, हरचरन कुशवाहा,वीरपाल सिंह, छत्रपाल सिंह,राजेंद्र सिंह, अंकू सिंह भदौरिया, श्री जाहर सिंह ,मानसिंह परिहार,मिजाजी खान, गोविंदास कुशवाहा,महेश सोनी, मोहन लाल प्रजापति,पन्ना लाल नापित,मनसुख,ग्यादीन कुशवाहा, हरप्रसाद कुशवाहा,धनीराम कुशवाहा, मोहन कुशवाहा, विशुन पटेल, बाबूलाल पटेल, हरदास कुशवाहा ,रामचरण रायकवार,राकेश श्रीवास,हरनारायन कुशवाहा, ,मनोज कुशवाहा,रंजीत कुशवाहा, विनोद कुशवाहा, अंत में सभी का आभार जितेन्द्र सिंह कुशवाहा ने किया।
संवाददाता मुकेश कुशवाहा