
पीलीभीत: अमरिया तहसील में एक लेखपाल, योगेंद्र देव शर्मा, पर दाखिल-खारिज (mutation) के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। यह आरोप मोहम्मद परवेज नामक एक शिकायतकर्ता ने लगाया है, जिन्होंने इसकी शिकायत सीधे उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) मयंक गोस्वामी से की है। शिकायत में कहा गया है कि पूरी राशि देने के बावजूद भी उनका काम नहीं हुआ।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, जिसमें कथित तौर पर लेखपाल योगेंद्र देव शर्मा तहसील परिसर में एक पेड़ के नीचे बैठकर पैसे गिनते हुए दिख रहे हैं। हालांकि, सूत्रों के अनुसार यह वीडियो कुछ महीने पुराना है और सर्दियों के दौरान का है, लेकिन इसे अब वायरल किया गया है।
जांच के आदेश और लोगों में गुस्सा
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मयंक गोस्वामी ने तुरंत इसकी जांच तहसीलदार अमरिया को सौंप दी है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है। क्षेत्र में अक्सर दाखिल-खारिज और अन्य सरकारी कामों में भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रहती हैं, जिससे आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इस घटना ने लोगों में सरकारी व्यवस्था के प्रति रोष और निराशा बढ़ा दी है। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं कि क्या इस मामले में दोषी पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।