
इस पर वह कर्मचारी कमरे पर बुलाने पहुंचा, तो वहां मंजेश का शव पड़ा था। स्टाफ की ओर से खबर मिलने पर परिवार वाले मौके पर पहुंच गए। कानूनी कार्रवाई किए बिना ही वह शव को अपने गांव ले गए, जहां देर शाम शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मंजेश तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनकी मौत से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल था।