
हस्तिनापुर CHC पर गंभीर आरोप: प्रसूताओं को आहार और दवाएं नहीं, वसूली की भी शिकायत; CMO ने बैठाई जांच
मेरठ: अव्यवस्थाओं को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और मरीजों ने साधा निशाना; अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को नकारा।
मेरठ के हस्तिनापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में गंभीर अव्यवस्थाओं को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। प्रसूता महिलाओं और उनके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। मरीजों का कहना है कि प्रसव के बाद उन्हें मिलने वाला पौष्टिक आहार (दूध, ब्रेड, बिस्किट) और आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।मरीजों के प्रमुख आरोप पौष्टिक आहार की अनुपलब्धता: प्रसूताओं का आरोप है कि जच्चा-बच्चा वार्ड में उन्हें नियमानुसार मिलने वाला नाश्ता और दूध आदि नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।दवाओं की कमी: रामराज निवासी गुलशन समेत अन्य मरीजों का कहना है कि उन्हें अक्सर जरूरी दवाइयां बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ती हैं।पैसे वसूली का दावा: मरीजों ने यह भी दावा किया है कि कुछ प्रसूता महिलाओं से प्रसव के बाद अवैध रूप से एक हजार रुपये तक वसूले गए हैं।
चिकित्सा प्रभारी ने किया खंडनइन आरोपों पर CHC के चिकित्सा प्रभारी डॉ. अमित त्यागी ने कड़ा रुख अपनाया है और सभी दावों को झूठा बताया है।
“अस्पताल में जच्चा-बच्चा केंद्र पर सभी आवश्यक सुविधाएं—दूध, ब्रेड, बिस्किट—समय-समय पर उपलब्ध कराई जाती हैं। अस्पताल में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा रही है और सभी सेवाएं नियमित हैं।”— डॉ. अमित त्यागी, चिकित्सा प्रभारी, CHC हस्तिनापुर
सीएमओ ने दिए जांच के आदेश मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) अशोक कटारिया ने तुरंत संज्ञान लिया है। सीएमओ ने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसकी विस्तृत जांच की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि यदि आरोपों में सच्चाई पाई जाती है तो दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने मरीजों के आरोपों और अस्पताल के खंडन में विरोधाभास होने के कारण, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके।












